लखनऊ। सावधान! भारत में नकली नोटों (Fake currency) का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यूं तो सरकार ने फेक करेंसी पर रोक लगाने (Security features Genuine Rs 2000 Currency Note) के लिए पुराने बड़े नोटों की जगह नए नोट लाने का फैसला किया था, लेकिन इसके बावजूद भी बाजार में फेक करेंसी (Fake Currency) पर पूरी तरह लगाम नहीं लगाई जा सकी है। यही वजह है कि आज भी बाजार में फेक करेंसी कहीं-कहीं केस सामने आ रहे हैं।
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बाजार में चल रहे 50 और 200 रुपए के नकली नोटों की पहचान बताई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने वित्तीय जागरूकता सप्ताह की शुरूआत करते हुए सुझाव दिए। इस मौके पर क्षेत्रीय निदेशक लक्ष्मीकांत राव ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। रिजर्व बैंक के अधिकारी ने कहा कि अगर आप बैंक की सेवा से संतुष्ट नही हैं या बैंक की किसी प्रणाली से समस्या है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
रिजर्व बैंक के अधिकारी ने कहा कि आरबीआई द्वारा विनियमित किसी भी संस्था के खिलाफ लोकपाल को शिकायत करने के लिए आपको पर जाकर लॉग इन करना होगा. उन्होंने कहा कि आरबीआई हर साल वित्तीय जागरूकता सप्ताह करता है। आरबीआई ने जागरूकता सप्ताह समारोह में दस, बीस, पचास, सौ और 200 रुपए के नोट की असली और नकली के पहचान करने के बारे में बताया।
आरबीआई के अनुसार, 50 रुपए के असली नोट में सामने के भाग में मूल्य वर्ग में 50 के साथ आर-पार मिलान, देवनागरी में 50, बीच में महात्मा गांधी की चित्र, आरबीआई भारत इंडिया और 50 बहुत छोटे में, इसके अलावा गैर-धातुयी सुरक्षा धागा, दाएं तरफ अशोक स्तंभ का का प्रतीक चिन्ह, महात्मा गांधी का चित्र और इलेक्टोइप 50 वाटरमार्क, संख्या पैनल उपर बाएं तरफ और नीचे दाएं तरफ छोटे से बढ़ते आकार में लिखे होंगे।
जागरूकता अभियान में बताया गया है कि 50 के नोट में पीछे की तरफ छपने वाला साल, स्वच्छ भारत का लोगो और स्लोगन, भाषा पैनल, रथ के साथ हंपी का चित्र, देवनागरी में लिखा 50 रुपए और नोट का आकार 66*135 मिमी. होता है, वहीं 200 के नोट में ज्यादातर चीजें वहीं होती है, लेकिन इसमें नोट तिरछा करने पर हरे रंग का धागा नीले रंग में दिखाई देने लगता है।
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