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केंद्र सरकार ने बढ़ती महंगाई पर RBI से पूछा सवाल, आखिर काबू में क्यों नहीं आ रहीं कीमतें?

नई दिल्‍ली । भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई (inflation) लगातार 9वें महीने संतोषजनक स्तर से ऊपर है। अब उसे केंद्र सरकार (Central government) को रिपोर्ट देकर विस्तार से इसका कारण बताना होगा। रिपोर्ट में बताना होगा कि महंगाई को निर्धारित दायरे में क्यों नहीं रखा जा सका और उसे काबू में लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

खास बात है कि मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार होगा, आरबीआई को रिपोर्ट के जरिये सरकार को अपने कदमों की जानकारी देनी होगी। इधर, राष्ट्रीय सांख्यिकीय मंत्रालय (एनएसओ) के मुताबिक, सिर्फ 6 वस्तुओं के दाम अगस्त के मुकाबले सितंबर में घटे हैं।

नियंत्रित रखने की है जिम्मेदारी
आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घटत-बढ़त के साथ चार प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।

यह है नियम
रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर मुद्रास्फीति के लिए तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया गया है, तो आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देनी होती है।


खुदरा महंगाई सितंबर में पांच महीने के शीर्ष पर, खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का असर
खाने-पीने की वस्तुएं महंगी होने से खुदरा महंगाई सितंबर में बढ़कर 7.41 फीसदी पर पहुंच गई। यह इस साल अप्रैल के बाद से इसका पांच महीने का उच्च स्तर है। उस समय खुदरा कीमतों पर आधारित (सीपीआई) महंगाई 7.79 फीसदी रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा महंगाई की दर सितंबर में लगातार 9वें महीने आरबीआई के ऊपरी दायरे 6 फीसदी से अधिक रही।

अगस्त में यह 7 फीसदी और पिछले साल सितंबर में 4.35 फीसदी थी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई सितंबर में 8.60 फीसदी पहुंच गई, जो अगस्त में 7.62 फीसदी रही थी। केंद्र सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है।

18 माह के निचले स्तर पर, औद्योगिक उत्पादन में कमी
विनिर्माण व खनन क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में अगस्त में 0.8 फीसदी की गिरावट आई है। यह घटकर 18 महीने के निचले स्तर पर आ गया। इससे पहले फरवरी, 2021 में औद्योगिक उत्पादन 3.2 फीसदी घटा था। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक इस साल जुलाई में 2.2 फीसदी व बीते साल अगस्त में 13% बढ़ा था।

खुदरा महंगाई : इन वस्तुओं के बढ़े दाम
खुदरा महंगाई की दर सितंबर में बढ़कर 7.41 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जो अनुमान से ज्यादा रही। विशेषज्ञों ने अधिकतम 7.30 फीसदी तक खुदरा महंगाई के रहने का अनुमान जताया था। राष्ट्रीय सांख्यिकीय मंत्रालय (एनएसओ) के मुताबिक, सिर्फ 6 वस्तुओं के दाम अगस्त के मुकाबले सितंबर में घटे हैं।

वहीं, अन्य सभी वस्तुओं की कीमतों में तेजी देखी गई है। इस वजह से सितंबर में खुदरा महंगाई अनुमान से ज्यादा रही। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, निकट भविष्य में महंगाई के घटने की संभावना कम है क्योंकि खरीफ में कम उत्पादन हुआ है। खासकर चावल, दाल और तिलहन का उत्पादन इस बार ज्यादा प्रभावित हुआ है।

अनाज, सब्जी, दाल और दूध समेत अन्य वस्तुएं हुईं महंगी

उत्पाद सितंबर अगस्त
अनाज 11.53% 9.57%
मांस-मछली 2.55% 0.98%
दूध 7.13% 6.39%
सब्जी 18.05% 13.23%
दाल 3.05% 2.52%
मसाले 16.88% 14.90%
फूड-बेवरेजेज 8.41% 7.57%
कपड़ा 9.90% 9.58%
फुटवियर 12.30% 11.85%
हाउसिंग 4.57% 4.06%
अंडा -1.79% -4.57%
स्वास्थ्य 5.52% 5.43%

सिर्फ तेल-वसा, ईंधन-बिजली, फल, चीनी, रिक्रिएशन एवं अम्यूजमेंड और पर्सनल केयर की ही महंगाई अगस्त के मुकाबले घटी है।

इन राज्यों में सबसे ज्यादा रही महंगाई

  • आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में खुदरा महंगाई की दर सबसे ज्यादा रही। इन राज्यों में यह दर 8.06 फीसदी से लेकर 9.44 फीसदी के बीच रही।
  • दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक और बिहार सबसे कम महंगाई वाले राज्य रहे। यहां महंगाई 4.03% से 6.38% के बीच रही।
  • उत्तर प्रदेश में यह दर 7.79 फीसदी रही। हरियाणा में 7.95 फीसदी, उत्तराखंड में 7.27 फीसदी और पंजाब में 5.60 फीसदी दर्ज की गई।

आईआईपी : पांच महीने में 7.7% बढ़ा
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों यानी अप्रैल-अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 7.7 फीसदी बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसकी वृद्धि दर 29 फीसदी रही थी। आंकड़ों के मुताबिक, विनिर्माण क्षेत्र में इस साल अगस्त में 0.7 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले साल अगस्त में यह 11.1 फीसदी बढ़ा था। खनन क्षेत्र का उत्पादन 3.9 फीसदी घटा है। बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर 1.4% रही। अगस्त, 2021 में इसमें 16 फीसदी की बड़ी वृद्धि हुई थी।

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