भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

केन्द्र सरकार किसानों के हित संरक्षण के लिए संकल्पित : सिंधिया

ग्वालियर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों के हित संरक्षण के लिए संकल्पित है। अन्नदाता देश-प्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोगों का पेट भरता है। फसल बोते समय खाद-बीज डालने के साथ-साथ अपना पसीना बहाकर एक वटवृक्ष तैयार करके हम तक फसल पहुंचाताहै। आज चंद लोग किसानों के हित संरक्षण के लिए बनाए कानून में रोड़ा अटका रहे हैं। यह बातें उन्होंने बुधवार को ग्वालियर के फूलबाग में आयोजित भव्य किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

सांसद सिंधिया ने जय जवान-जय किसान के नारे से अपने उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मूलत: लोग भगवान की पूजा-आराधना करते हैं। किंतु वास्तविक भगवान देश का अन्नदाता है जो सारे देश की मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। भारत के किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित संरक्षण के लिए तीन कृषि बिल पारित किए गए हैं। यह तीनों बिल किसानों को अपनी फसल बोने से लेकर उत्पादन बेचने तक की स्वतंत्रता देते हैं। अब नए कृषि कानून के तहत किसानों को खाद बीज के भण्डारण की पूर्व से ही व्यवस्था रहेगी।

उन्होंने कहा कि 22 करोड़ किसानों को खेत मिट्टी परीक्षण कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं, ताकि किसानों के हाथ और मजबूत हो सकें। कोरोना संकट में भी किसानों ने खेती करके देश की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि अधोसंरचना में एक लाख करोड़ रुपये कृषि कोष में जमा कराए हैं। किसानों को हर वर्ष किसान सम्मान निधि के रूप में केन्द्र 6 हजार रुपये और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय के अनुसार प्रत्येक किसान को 4 हजार रुपये, इस तरह अब किसान को 10 हजार की किसान सम्मान निधि प्रतिवर्ष मिल रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार किसानों के हित का 2 हजार 200 करोड़ रुपये तिजोरी में रखे हुए थी, उसे तोड़कर मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों के खातों में जमा कराया। अभी तक 7 हजार 700 करोड़ रुपये किसानों को राहत के रूप में उनके खातों में जमा कराए हैं। वहीं, 1600 करोड़ अंतरित राशि भी प्रदेश सरकार अगले दो दिन के अंदर किसानों के खातों में जमा कराएगी।

नए कृषि कानून का उल्लेख करते हुए सिंधिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाया है ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। किसान अपने उत्पादन को अब कहीं पर भी बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि 70 सालों से जंजीरों में जकड़ा किसान अब पूरी तरह से स्वतंत्र हो रहा है। कृषि उपज मंडियां बंद नहीं होंगी। अब किसान बिचौलियों से मुक्त होंगे। किसान सम्पन्न होगा तभी देश आगे तरक्की कर सकेगा। मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अभी धान और गेहूं पर समर्थन मूल्य दिया जाता था, अब दलहनी फसलों को भी समर्थन मूल्य पर किसान बेच सकेंगे।

कार्यक्रम को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आतिथ्य में रीवा में आयोजित कार्यक्रम का एलईडी पर सीधा प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में 35 लाख 50 हजार किसानों के खातों में अंतरित राशि 1600 करोड़ रुपये आगामी 18 दिसम्बर से जमा कराई जाएगी। इसमें पूर्व की बकाया राशि के अलावा इस वर्ष सोयाबीन फसलों के नुकसान और अन्य फसल क्षति की राहत राशि भी शामिल रहेगी।

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