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MP को केंद्र की बड़ी सौगात, शिवराज सरकार को मिला 1 हजार 55 करोड़ रुपये का इंसेटिव

दिल्ली. आर्थिक तंगी (Cash-strapped) से जूझ रहे मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार ने राहत दी है. राज्य को पब्लिक एसेट कंपनी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार 55 करोड़ रुपए बतौर इंसेंटिव दिया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ((Shivraj Singh Chauhan) ) आज दिल्ली दौरे पर थे. यहां उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण((Minister Nirmala Sitharaman) ) सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खाद्य आपूर्ति मंत्री से बकाया छह हजार करोड़ देने की मांग उठाई. केंद्र सरकार (Central government) से 7 हजार करोड़ रुपए मिलने से राज्य की तिजोरी की सेहत तो सुधरेगी ही और कई अटकी हुई योजनाएं भी पूरी हो पाएंगी.

दिल्ली पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और फिर खाद्य आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल ( (Minister Piyush Goyal) ) से मुलाकात की. मुलाकात के बाद शिवराज सिंह ने बताया कि राज्य को एक हजार 55 करोड़ का इंसेंटिव मिला है. उन्होंने इसके लिए निर्मला सीतारमण का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा पब्लिक एसेट को कंपनी बनाकर मैनेज किया. इंसेंटिव मिलने का एक यह भी कारण है. सीएम शिवराज ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उन्होंने कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगाने की मांग उठाई है.



शिवराज सिंह ने बताया कि खाद्य आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के दौरान गेहूं, चावल पर बात हुई जो कोटा राज्य ने केंद्र सरकार को दिया है कई साल से उसका सेटलमेंट नहीं हुआ है. केंद्र सरकार पर राज्य का छह हजार करोड़ बकाया है. उसे दिलाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि इस साल प्रदेश में मूंग दाल की बहुत अच्छी पैदावार हुई है. मूंग खरीद की कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल से इजाजत मांगी है. उन्होंने कहा मोदीजी की सकारात्मक सोच है, वही भाव केंद्रीय मंत्रियों का भी है. साथ ही विजिनरी और प्रेक्टिकल भी हैं. तर्क पूर्ण मुद्दे पर केंद्र सरकार बिना भेदभाव मदद करती है. दोनो केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की.

तिजोरी की सेहत की चिंता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खाद्य आपूर्ति मंत्री से बकाया छह हजार करोड़ देने की मांग उठाई. केंद्र सरकार से 7 हजार करोड़ रूपए मध्य प्रदेश को मिलने से राज्य की तिजोरी की सेहत तो सुधरेगी और कई अटकी हुई योजनाएं भी विकास की राह पर आगे बढ़ेंगी.

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