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चंबल एक्सप्रेस-वे की कनेक्टिविटी होगी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से, घंटों का सफर होगा मिंटों में

भोपाल। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाइवे और चंबल एक्सप्रेस वे (Delhi-Mumbai Express Highway and Chambal Expressway) मध्य प्रदेश के ग्रोथ इंजन (growth engine) बनेंगे। दोनों हाइवेज से मध्य प्रदेश के विकास की नई रफ्तार मिलेगी। इनसे रोजगार के बहुत सारे नए अवसर सृजित होंगे। यह बात केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari) ने हाल ही में रतलाम के जावरा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के निर्माण कार्यों की प्रगति के अवलोकन के दौरान कह चुके हैं।
बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाइवे दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेस हाइवे है। इसकी लंबाई 1350 किमी है और यह दूरी हम लगभग साढ़े 12 घंटे में पूरी कर सकते हैं। इस हाइवे में 320 मिलियन लीटर ईंधन की खपत कम होगी। आप समझ सकते हैं कि पर्यावरण की दृष्टि से भी यह कितना महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश में लगभग साढ़े 8 हजार करोड़ की लागत से 8 लेन का मार्ग बन रहा है, वैसे यह 12 लेन का है। फर्स्ट फेज में 8 लेन का बनेगा और दूसरे फेज में जब ट्रैफिक बढ़ेगा तो 12 लेन का बनाएंगे। मध्य प्रदेश में 106 किलोमीटर का काम पूरा हो गया है।



जबकि इसी तरह का ही मप्र में 404 किमी लंबा चंबल एक्सप्रेस-वे बन रहा है जो यह एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश के अलावा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भी जोड़ेगा। इस लागत 8250 करोड़ रुपये बताई जा रही है। चंबल एक्सप्रेस-वे की यूपी में लंबाई 18 किमी, राजस्थान में 77 किमी जबकि एमपी में इसकी लंबाई 303 किमी के करीब होगी। बताया जा रहा है कि यह एक्सप्रेस-वे इसलिए खास है क्योंकि यह 6 लेन एक्सेस कंट्रोल हाईवे है। यह एक्सप्रेस-वे सभी बड़े हाईवे से जुड़ेगा। यहां तक कि एक्सप्रेस-वे कानपुर को दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से सीधे जोड़ेगा।
इस एक्सप्रेस-वे से एक और अविश्वसनीय बदलाव देखने की संभावना है. वो ये कि, किसान अपनी फसलें राज्य स्तर पर बेच सकेंगे वे मुंबई और दिल्ली के बाजारों में अपनी फसल बेच सकेंगे. बता दें, अभी तक चंबल को डाकुओं और अपराध के लिए जाना जाता था। अपहरण और हत्या इस जगह की पहचान थी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से ये पहचान बदल जाएगी। लोगों को रोजगार मिलेगा और आजीविका के साधन मिलेंगे। इस बात को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी कह चुके हैं। इस एक्सप्रेस-वे से एक और अविश्वसनीय बदलाव देखने की संभावना है।
विदित हो कि केंद्रीय मंत्री ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि चंबल का देश का सबसे पिछड़ा इलाका बताया जाता है। यहां श्योपुर, मुरैना और आस पास के इलाकों में सहरिया जैसी कई जनजातियां निवास करती हैं. ये सड़क उनकी जिंदगी को बेहतर बनाएगी। ये सड़क इन इलाकों में आर्थिक समृद्धि लगाएगी और यहां उद्योग-रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

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