इंदौर न्यूज़ (Indore News)

चंद्रभागा रोड की अंतिम बाधा ध्वस्त

निगम का भारी अमला आज सुबह से भारी-भरकम मशीनों के साथ जुटा
इंदौर।  जवाहर मार्ग (Jawahar Marg) से साउथतोड़ा (Southtoda) होते हुए चंद्रभागा पुल (Chandrabhaga Bridge) तक बनने वाली 20 करोड़ रुपए की सडक़ का पिछले दिनों निगम ने काम शुरू किया था। इस सडक़ (Road) को लाइफलाइन ( Lifeline) नाम दिया गया, वहीं दूसरे चरण से चंद्रभागा से पागनीसपागा (Paganispaga) तक सडक़ का निर्माण (Construction) किया जाएगा। महल कचहरी क्षेत्र ( Mahal Kachari Area) में अंतिम बाधा के रूप में बचे एक जर्जर और निगम (Corporation) द्वारा ही खतरनाक घोषित किए गए मकान को आज सुबह 6 बजे से ही निगम के भारी-भरकम अमले ने बुलडोजर, जेसीबी की सहायता से जमींदोज कर दिया। इस क्षेत्र से 6 परिवारों को पहले ही शिफ्ट किया जा चुका है।


रिवर साइड रोड (River Side Road) के इन बाधक मकानों को निगम (Corporation) लगातार हटाता रहा है। हालांकि अधिकांश लोगों ने स्वेच्छा से भी अपने निर्माण हटाए। लगभग 300 परिवारों को शिफ्ट भी किया गया है। लिम्बोदी और सिलीकॉन सिटी (Silicon City) में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत बने मकानों में कई परिवारों को शिफ्ट किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड (Smart City Development Company Limited) के अधीन सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। जवाहर मार्ग (Jawahar Marg) के नए पुल की तरफ से काम शुरू पिछले दिनों किया गया और बाधाएं हटाई गईं। जवाहर मार्ग पुल से पागनीसपागा तक 800 मीटर सडक़ की लम्बाई है और इस फोरलेन सडक़ के बनने से जवाहर मार्ग के घने यातायात पर दबाव भी कम होगा। इस रोड के निर्माण में महल कचहरी सहित अन्य बाधाओं को पूर्व में हटा दिया था, लेकिन मकान नं. 47 बच गया था। यह दो मंजिला मकान हालांकि जीर्ण-शीर्ण अवस्था में ही था और पिछले दिनों एसजीएसआईटीएस और सेंट्रल पीडब्ल्यूडी की टीम ने निरीक्षण करने के बाद इस मकान को जर्जर व खतरनाक घोषित कर दिया था। लिहाजा अगर निगम आज इस मकान को पूरी तरह से जमींदोज नहीं करता तो कभी भी भरभराकर यह मकान गिर जाता और कोई जनहानि हो सकती थी, क्योंकि पास में ही मंदिर बना है, जहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए भी आते हैं। लगभग 800 स्क्वेयर फीट पर बने इस मकान को आज सुबह 6 बजे से निगम के अमले ने जमींदोज करना शुरू किया। इस दौरान स्मार्ट सिटी कम्पनी के डीआर लोधी सहित निगम की रिमूव्हल टीम और उपायुक्त लता अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी मौजूद रहे।


मंदिर को बचाते हुए बाधाएं हटाने का प्रयास
महल कचहरी (Mahal Kachari) की दीवार से लगे पुराने मकान को निगम ने आज जमींदोज किया। वह सडक़ निर्माण में तो बाधक था ही, वहीं वह कभी भी भरभराकर गिर जाता और पास में ही पुराना भैरव बाबा का प्राचीन मंदिर है, जहां पर आसपास के लोग दर्शन के लिए भी आते हैं, जिसके चलते कभी भी कोई हादसा हो सकता था। पुराने पत्थर और मिट्टी की जोड़ से बना हुआ यह मकान लकड़ी के सपोर्ट पर टिका हुआ था और पीडब्ल्यूडी ने अपनी रिपोर्ट में इसे असुरक्षित भवन बताते हुए तुरंत ही हटाने की अनुशंसा भी की थी। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यह मकान लगभग 100 साल पुराना था।


क्षेत्रीय विधायक ने बचाया था जर्जर मकान
एक तरफ केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (Central Public Works Department ) और अन्य विशेषज्ञों ने जिस मकान को जर्जर-खतरनाक घोषित किया, उसे क्षेत्रीय विधायक लगातार बचाते रहे। यहां तक कि निगम इंजीनियरों को यह सलाह भी दे डाली कि इस मकान को बचाने के लिए नदी में पिलर डालकर सडक़ बना दी जाए। हालांकि इसके चलते सडक़ का भी काम रूका रहा, जबकि नगर निगम (Municipal Corporation) को सीपीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट गत वर्ष ही अक्टूबर में मिल गई थी। मगर नेतागिरी के चलते निगम अधिकारी कार्रवाई से बचते रहे और अब मजबूरी में उसे जमींदोज करना पड़ा।

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