नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार (Modi government at the center) 1 अक्टूबर से लेबर कोड (labor code) के नए नियमों को लागू कर सकती है। मीडिया में चल रही खबरों मानें तो केंद्र सरकार 1 जुलाई से लेबर कोड के नियमों के लागू करना चाहती थी लेकिन राज्य सरकारों के तैयार नहीं होने के कारण इसे टाल दिया। अब मोदी सरकार 1 अक्टूबर से लागू करने का निर्णय ले सकती है।
बताया जा रहा है कि इस कानून को लागू होते ही कर्मचारियों के टेक होम सैलरी और PF स्ट्रक्चर में बदलाव हो जाएगा। बदलाव से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी घट जाएगी, जबकि भविष्य निधि यानी PF में ज्यादा पैसा जमा होने लगेगा।
नए कानून से कर्मचारियों के मूल वेतन (बेसिक) और भविष्य निधि की गणना के तरीके में उल्लेखनीय बदलाव आएगा। श्रम मंत्रालय औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा, व्यवसायिक और स्वास्थ्य सुरक्षा, तथा कार्यस्थिति को लेकर नया नियम लागू करने की तैयारी में है। चार श्रम संहिताओं के तहत 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सुसंगत किया जा सकेगा।
बदलाव के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 15000 रुपये से बढ़कर 21000 रुपये हो सकती है। लेबर यूनियन की मांग रही है कि कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी को 15000 रुपये से बढ़ाकर 21000 रुपये किया जाना चाहिए अगर ऐसा होता है तो आपका वेतन बढ़ जाएगा।
बता दें कि अभी नियोक्ता वेतन को कई तरह के भत्तों में बांट देते हैं. इससे मूल वेतन कम रहता है, जिससे भविष्य निधि और आयकर में योगदान भी नीचे रहता है। नई वेतन संहिता में भविष्य निधि योगदान कुल वेतन के 50 प्रतिशत के हिसाब से तय किया जाएगा।
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