- हो गया कबाड़ा… 40 लाख नए सर्वे के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंपे, मंत्री, सांसद सहित विशेषज्ञों ने इन्दौर से 46 किमी दूर बनाए जाने पर ली आपत्ति
- 2100 हेक्टेयर में से मात्र 5 हेक्टेयर ही सरकारी जमीन…श्री महाकाल लोक के कारण अब इन्दौर-उज्जैन के बीच जमीन की तलाश
इंदौर। देवास (dewas) जिले के चापड़ा-हाटपीपल्या मुख्य मार्ग पर प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट (International Airport) फिलहाल खटाई में पड़ गया है, जिसके चलते कई जमीनी जादूगर सदमे में आ गए हैं, जिन्होंने सैकड़ों एकड़ जमीनें आसपास खरीद ली। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को नए सिरे से सर्वे करने के लिए 40 लाख रुपए की राशि एमपीआईडीसी ने सौंपी है, जिसकी पुष्टि एमपी मनीष सिंह ने की है। उनके मुताबिक देपालपुर, उज्जैन की तरफ नए सिरे से एयरपोर्ट के लिए सर्वे कराया जा रहा है।
पिछले 6 महीने से चापड़ा के इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जमीनी कारोबारियों के बीच धूम मची है। इंदौर में तो रियल इस्टेट कारोबार लगातार ऊंचाई पर रहा ही और चारों तरफ ढेरों कालोनियां कट गईं और डायरियों पर करोड़ों का माल भी बिक गया। वहीं जमीनी जादूगरों ने प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास भी सैकड़ों एकड़ जमीनें खरीद लीं, जिसके चलते चार से पांच गुना अधिक भाव भी यहां जमीनों के हो गए। मगर अब पता चला कि यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट ही खटाई में पड़ गया, क्योंकि भोपाल से इसकी दूरी 132 किलोमीटर और इंदौर से 46 किलोमीटर है, जिसके चलते उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित सांसद शंकर लालवानी और अन्य विशेषज्ञों ने यह दूरी अधिक बताई है।
इससे समय के साथ-साथ वाहनों के जरिए होने वाला प्रदूषण भी बढ़ेगा। लिहाजा अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया दो से तीन स्थानों पर नए सिरे से सर्वे करेगा, जिसमें देपालपुर के अलावा इंदौर-उज्जैन के बीच जगह तलाशी जाएगी। अभी एमपीआईडीसी ने 40 लाख रुपए की राशि इस सर्वे के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंपी है। एमडी मनीष सिंह के मुताबिक नए स्थलों के सर्वे के बाद ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जगह तय होगी। दरअसल पूर्व में एमपीआईडीसी ने चापड़ा के आसपास ही तीन जगह का सर्वे कर रिपोर्ट सौंपी थी, जिसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी अमान्य कर दिया।
नेताओं और अफसरों ने भी ख्ररीद ली जमीनें, चार गुना से अधिक बढ़े भाव
इंटरनेशनल एयरपोर्ट का जैसे ही हल्ला मीडिया में मचा उसके बाद जमीनों से जुड़े कारोबारी सक्रिय हो गए। धड़ाधड़ प्रस्तावित स्थल के आसपास जमीनें खरीदी जाने लगीं। 4-5 लाख रुपए एकड़ की जमीन 30-40 लाख रुपए एकड़ तक पहुंच गई। नेता-मंत्रियों से लेकर इंदौर-भोपाल के कई अफसरों ने भी यहां जमीनों में निवेश कर डाला। शहर के कई चर्चित प्रॉपर्टी ब्रोकर भी इस काम में जुटे रहे, मगर अब एयरपोर्ट खटाई में पडऩे और नई जगह शिफ्ट होने के चलते करोड़ों रुपए का निवेश डूब जाएगा। अब श्री महाकाल लोक के कारण इंदौर से उज्जैन के बीच की जगह को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।