इंदौर। एप्पल हास्पिटल (Apple Hospital) में घायलों से मिलने के बाद कमलनाथ (Kamalnath) घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां पटेल समाज की महिलाओं ने अपना रोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि जब-जब मंदिर की घंटी बजेगी, हमें अपने परिजनों की याद आएगी। यह कहते-कहते महिलाओं की आंखों से आंसू निकल पड़े। कमलनाथ (Kamalnath) ने महिलाओं से घटना के बारे में जानकारी ली तो उनका आक्रोश इतना ही था कि समय पर राहत कार्य शुरू नहीं हो पाया था, इसके कारण सबसे ज्यादा जनहानि हुई है। महिलाओं ने यह भी कहा कि कई बार रहवासी संघ द्वारा यहां बावड़ी पर अवैध निर्माण की शिकायत की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि इस मोहल्ले से 12-12 अर्थियां उठी हैं। एक महिला ने कहा कि कल मुख्यमंत्री आए थे, लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें घेरे रखा और उन्हें बात तक नहीं करने दी। प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा तो कार से ही नहीं उतरे, जिस कारण समाजजनों का आक्रोश बढ़ गया था। महिलाएं अपनी व्यथा सुनाते-सुनाते रो पड़ीं और बोलीं कि किसी की मां चली गई तो किसी की बहू इस दुनिया में नहीं रही, वहीं घर के चिराग भी बुझ गए हैं। उनका आक्रोश नगर निगम को लेकर भी था। उन्होंने कहा कि मेट्रो सिटी के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन इस प्रकार के हादसों से बचाने की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे जवाबदारों पर कार्रवाई होना चाहिए।
जहां लगे थे सीएम के विरोध में नारे, वहां दो मिनट भी नहीं रुक पाए कमलनाथ
पटेल समाज के लोगों से पूछा- मंदिर वैध या अवैध, लेकिन समाजजन चुप्पी साधे रहे
कल पटेल समाज की धर्मशाला में मुख्यमंत्री शोक संवेदनाव्यक्त करने पहुंचे थे तो उनके खिलाफ वहां समाज के लोगों ने नारेबाजी कर दी थी, आज जब कमलनाथ वहां घटना की जानकरी लेने पहुंचे तो समाज के लोगों ने चुप्पी साध रखी और उनसे ना तो किसी प्रकार की मांग की और ना ही कुछ बोले। कमलनाथ बमुश्किल दो मिनट भी यहां नहीं रुके और सिधी कालोनी के लिए रवाना हो गए। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद नाथ पटेल परिवार के नरसिंहभाई पटेल, रवीभाई पटेल, विपिन पटेल के घर पहुंचे, जहां बावड़ी हादसे में उनके परिजनों की मृत्यु हो गई है। पूरा पटेल नगर गमगीन है। इसके बाद वे पटेल धर्मशाला गए, जहां समाज के वरिष्ठ लोग और पदाधिकारी मौजूद थे। वहां समाज के लोगों ने कुर्सी लगाकर व्यवस्था जरूर कर रखी थी, लेकिन जब कमनलाथ वहां पहुंचे और लोगों से पूछताछ करने लगे कि मंदिर वैध है या अवैध तो इस पर समाज के लोगों ने कोई जवाब नही दिया और ना ही किसी प्रकार की मांग कमलनाथ से की। समाजजनों की चुप्पी देखकर वहां से डेढ़ से दो मिनट में ही रवाना हो गए। बाद में समाज के लोगों ने मीडिया के सामने कहा कि हम इस घटना में राजनीति नहीं चाहते हैं। हम तो यह चाहते हैं कि आगे से इस प्रकार का हादसाना हो , इसे रोकने के साधन इन्दौर प्रशासन के पास हो।
Share: