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चार धाम ओवरलोडेड, अब सोमवती अमावस्या पर उमड़ेगा जनसैलाब, टेंशन में सरकार


देहरादून: चार धाम यात्रा में अब तक 11 लाख से अधिक श्रदालु चारों धामों में दर्शन कर चुके हैं, 92 मौतें हो चुकी हैं और 21 लाख लोगों ने सात जून तक के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. यात्रियों का इतना ओवरलोड है कि निर्धारित संख्या से भी अधिक यात्री धामों में पहुंच रहे हैं.
गुरुवार को चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा मीटिंग में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को यात्रियों की संख्या और उससे चरमरा रही व्यवस्थाओं के बारे में बताया गया, तो उन्होंने निर्धारित संख्या पर ज़ोर दिया. अव्यवस्थाओं के बीच 30 मई को सोमवती अमावस्या का पर्व आ रहा है, जो सरकार के लिए एक और चिंता बन गया है.

समीक्षा मीटिंग में हरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडेय ने चिंता जताई कि 2019 में सोमवती अमावस्या के स्नान पर 70 लाख श्रदालु हरिद्वार पहुंचे थे. इस बार इससे भी बड़ी संख्या में श्रदालुओं के हरिद्वार पहुंचने की संभावना है. ऐसे में अगर श्रदालुओं ने हरिद्वार के बाद चार धामों की ओर रुख किया, तो हालात कठिन हो सकते हैं. इस पर अग्रवाल ने कहा, ‘हम श्रदालुओं से अपील कर रहे हैं कि बिना रजिस्ट्रेशन के वो धामों की यात्रा न करें.’

कैसे ओवरलोड हो रहे हैं धाम?
अग्रवाल को यह भी बताया गया कि बद्रीनाथ में 16 हजार, केदारनाथ में 13 हजार, यमुनोत्री में 5000 और गंगोत्री के लिए प्रतिदिन 8000 श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या निर्धारित है, जबकि बुधवार को बद्रीनाथ में 26,000, केदारनाथ में 16,000 और गंगोत्री-यमनोत्री में नौ-नौ हजार से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए. लिहाज़ा व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं. तीर्थ यात्रा में 26 मई तक श्रद्धालुओं से जुड़े आंकड़े भी आ गए हैं :


कहां पहुंचे अब तक कितने श्रद्धालु?

  • चार धाम में 11,15,000
  • गंगोत्री में 2,11,000
  • यमुनोत्री में 1,56,000
  • बद्रीनाथ में 3,63,000
  • केदारनाथ में 3,73,000
  • हेमकुंड साहिब में 10,300

यही नहीं, चार धाम यात्रा में मृतकों की संख्या 92 तक पहुंच गई है. गुरुवार को चारों धामो में 12 लोगों की मौत हुई. यमुनोत्री में 5, बद्रीनाथ में 3 और केदारनाथ में 4 यात्रियों ने दम तोड़ा. वहीं, यमुनोत्री हाईवे पर गुरुवार देर शाम एक बड़े हादसे में भी 3 लोग मारे गए. इन तमाम आंकड़ों के बीच 30 मई को सोमवती अमावस्या के स्नान के चलते हरिद्वार प्रशासन से लेकर सरकार का टेंशन बढ़ गया है.

तो क्या हैं सरकार के पास उपाय?
सोमवती अमावस्या के स्नान के मद्देनज़र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. यात्रा मार्ग से जुड़े अधिकारियों को पर्याप्त व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए गए हैं. ज़रूरत पड़ी तो यात्रियों को स्कूल, कॉलेज में ठहराने की व्यवस्था किए जाने की बात कही गई है. बिना रजिस्ट्रेशन कोई यात्रा पर न जाए, इसके लिए चेकपोस्टों पर भी अब सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

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