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लद्दाख में चीन को मिला है माकूल जवाबः आरकेएस भदौरिया

  • वायुसेना दो मोर्चे पर जंग को तैयार
  • नॉर्थ ईस्ट में भी जबरदस्त तैनाती
  • डायरेक्ट एनर्जी वेपन पर दिया यह जवाब

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना दो मोर्चे पर जंग के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि एयरफोर्स किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के साथ जीत हासिल करने के लिए हर वक्त तैयार रहती है। एयर चीफ ने कहा कि वायुसेना चीन की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

सलाना पीसी में वायुसेना चीफ भदौरिया ने कहा कि लद्दाख ही नहीं कई ऑपरेशनल इलाके में वायुसेना ने लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रखी है। उन्होंने कहा, ‘लद्दाख तो काफी छोटा इलाका है। हमने कई ऑपरेशनल इलाके में अपनी तैनाती कर रखी है ताकि किसी भी आपात स्थिति में हम तुरंत ऐक्टिव हो पाएं। जहां तक चीन को चुनौती देने की बात है, हां हम उन्हें किसी भी वक्त चुनौती दे सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं और देश की जीत दिलाएंगे।’

एयरचीफ ने कहा कि हमे मई में चीन की हरकतों का अहसास हुआ था। जैसे ही चीन ने हरकत की हमने उसी के अनुसार कार्रवाई की। वायुसेना और सेना की कार्रवाई वैसी ही थी। उन्होंने कहा, ‘चीनी सैनिक इस समय हर साल आते थे लेकिन इस बार उन्होंने अलग हरकत की। जैसे ही हमें पता चला हमने तुरंत और बेहतरीन कार्रवाई की। बढ़ते तनाव के बीच हमने LAC पर सैनिकों की तैनाती की। सेना को जिस चीज की जरूरत थी, वायुसेना ने उसे पूरा किया।’

नॉर्थ ईस्ट में वायुसेना की तैनाती के सवाल एयरचीफ ने कहा, ‘हमारी वहां पर्याप्त तैनाती है। चिनूक की तैनाती वहां की जा चुकी है। इस इलाके में भी हमारी योजना तैयार है। यहां पर हमारी क्षमता का सवाल है तो, हम काफी मजबूत हैं। ढांचा भी मजबूत है। जहां तक इस इलाके में नंबर का सवाल है तो मेरा जवाब होगा कि नहीं लेकिन यह वायुसेना की ताकत है कि जब भी कहीं जरूरी होता है, हम विमानों की तैनाती तुरंत करते हैं।’

एयरचीफ ने कहा कि अभी विवादित इलाकों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर बात चल रही है। मौजूदा प्रोग्रेस धीमा है। जाड़े में हमने LAC पर पूरी तैनाती कर रखी है। उम्मीद करते हैं कि बातचीत से कोई हल निकल पाए। हम जमीनी स्थिति के आधार पर फैसला करते हैं।

एयरचीफ से जब डायरेक्ट एनर्जी वेपन पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी इसपर डीआरडीओ काम शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि जबतक 5वीं पीढ़ी का विमाना आएगा तबतक हम चाह रहे हैं कि 6ठी पीढ़ी की तकनीक भी शामिल हो। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए डायरेक्ट एनर्जी आना जरूरी है। अगले 15-20 साल में हम इसमें सफल हो पाएंगे। इस तकनीक में ऐंटी मिसाइल तकनीक शामिल हो सकती हैं। हम चाहते हैं कि 5वीं पीढ़ी के एयरक्राफ्ट में 6ठी पीढ़ी की तकनीक भी शामिल हो। यह सबसे बेहतरीन रिजल्ट होगा।

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