बीजिंग। चीन (China) के ऊपर शुरुआत से ही कोरोना वायरस (CoronaVirus) को लैब में बनाकर फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है. अब धीरे-धीर इस बात के सबूत भी मिलते जा रहे हैं. इस बीच जहां दुनिया वायरस से तबाह हो रही है वहीं चीन अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा है. इस बीच अब चीन द्वारा बनाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े मेगाडैम (MegaDam) ने भारत(India) की चिंता बढ़ा दी है. इस मेगाडैम प्रोजेक्ट (MegaDam Project) की वजह से भारत में तबाही भी आ सकती है. भारत के लिए ये डैम हाइड्रो विपन (Hydro Weapon) साबित हो सकता है.
चीन ने हाल ही में यारलुंग सांगपो नदी (Yarlung Tsangpo River) के ऊपर मेगाडैम बनाने की अपनी योजना का खुलासा किया है. इसे चीन की जिस नदी पर बनाया जाएगा वो दुनिया की सबसे बड़ी नदी में गिना जाता है. ये चीन के अलावा भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) से होते हुए बहता है. इसकी लंबाई 3 हजार किलोमीटर तक है. चीन इस नदी की एक खासियत से फायदा उठाते हुए बिजली निर्माण करना चाहता है. वो है इसकी सबसे ऊंचाई से गिरने की खासियत.
अपने इस प्रोजेक्ट के बारे में चीन ने कहा कि मेगाडैम के जरिये 2060 तक ये देश ग्रीन एनर्जी में अपनी लीड बना लेगा. दरअसल, ये नदी एक जगह से 180 डिग्री के एंगल से करीब 2 हजार फ़ीट की ऊंचाई से गिरता है. खबरों के मुताबिक़, इतनी ऊंचाई से गिरते पानी से आम डैम की तुलना में तीन गुना ज्यादा बिजली की पैदावार होगी. इससे कार्बन ईंधन की जगह चीन हाइड्रो पावर पर निर्भर हो जाएगा.भारत के लिए बढ़ेगी चिंता
चीन ने जहां बिजली निर्माण के नाम पर ये प्रोजेक्ट शुरू किया है वहीं भारत के अधिकारियों के मुताबिक, चीन इसके जरिये देश के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है. जिस एरिया में ये नदी है और डैम बनाने का प्रपोजल है, उसे लेकर लंबे समय से भारत और चीन में विवाद चल रहा है. Line of Actual Control (LAC) को लेकर हो रहे विवाद में ही बीते साल जून में 20 भारतीय सैनिकों को मार दिया गया था. अभी तक सीमा को लेकर ये विवाद खत्म भी नहीं हुआ है और इसी जगह चीन ने मेगाडैम बनाने का ऐलान कर दिया है.
इस मेगाडैम के निर्माण को लेकर ऑस्ट्रेलिया के ला ट्रोब यूनिवर्सिटी की तिब्बत और हिमालयन इतिहासकार डॉ. रुथ गैंबल ने बताया कि चीन की ये साजिश भारत को भारी पड़ सकती है. अगर चीन ने इस मेगाडैम को बना लिया तो बाद में किसी विवाद पर वो इसका पानी छोड़ भारत में तबाही ला सकता है. चीन और भारत के बीच रिश्तों में टेंशन को देखते हुए ऐसा होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता.
इसके अलावा चीन के इस मेगाडैम के प्लान से बायोडायवर्सिटी को भी काफी नुकसान हो सकता है. अगर ये मेगाडैम बना तो इससे तिबब्त के निचले इलाकों में तबाही आ सकती है. इसके अलावा डैम के कंस्ट्रक्शन में लगने वाले इक्यूप्मेंट्स की वजह से उस एरिया में भूकंप के झटके भी आ सकते है. ऐसा इसलिए कि ये एरिया भूकंप के लिए हाइली सेंसिटिव है. साथ ही भूस्खलन भी यहां सबसे ज्यादा होता है. Share: