दरअसल, चीन अब भी ताइवान को उसके देश का हिस्सा मानता है जबकि ताइवान से पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका व जापान समेत कई देशों ने संप्रभु राष्ट्र मानकर राजनयिक संबंध बढ़ाए हैं। मौजूदा तनाव से दक्षिण चीन सागर में युद्ध जैसा खतरा मंडरा रहा है।
56 जंगी विमानों को ताइवानी हवाई क्षेत्र में भेजने पर ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने चेताया है कि उनका देश अब चीन के साथ जंग की तैयारी कर रहा है। उन्होंने इस संबंध में ऑस्ट्रेलिया से मदद मांगी है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमानों में 34 जे-16 लड़ाकू विमान और 12 एच-6 परमाणु बमवर्षक विमान शामिल थे।
चीन को करारा जवाब देंगे : ताइवान
ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने एबीसी चैनल से बात करते हुए कहा कि यदि चीन वास्तव में हमला करता है तो ताइवान उसका करारा जवाब देने के लिए खुद को तैयार करेगा। उन्होंने कहा, यदि चीन हमसे जंग शुरू करने की सोच रहा है तो हम अंतिम सांस तक लड़ेंगे और यह हमारी प्रतिबद्धता है। वू ने कहा, इतना तय है कि चीन को हमले का बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
ताइवान के पास चीनी गतिविधियां उकसावे वाली : व्हाइट हाउस
अमेरिका ने ताइवान के पास चीनी सैन्य गतिविधियों को उकसावे वाला बताया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, हम ताइवान के समीप चीन की सैन्य गतिविधि को लेकर चिंतित हैं। ये क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को कमतर करती हैं। उन्होंने कहा, हम बीजिंग से ताइवान के विरुद्ध सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव तथा बलपूर्वक कार्रवाई बंद करने का अनुरोध करते हैं। साकी ने कहा, हम पूरे मामले पर बारीकी से नजर रखे हैं और ताइवान की हरसंभव मदद को तत्पर हैं।