डेस्क: पिछले दिनों भारत के चंद्रयान-3 की सफलता की चर्चा पूरी दुनिया में हुई. इंडिया की इस कामयाबी को देख पड़ोसी मुल्क चीन परेशान नजर आ रहा है. अब उसने भी अपने महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन प्रोजेक्ट चांग’ई-6 को लॉन्च करने की घोषणा कर दी है. इसका प्रक्षेपण 2024 में किया जाएगा.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) ने शुक्रवार (29 सितंबर) को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि “यह चंद्रमा पर चीन का अगला रोबोटिक मिशन होगा. इस मिशन का मकसद चांद के उस सुदूर हिस्से यानी दक्षिणी पोल से सैंपल्स को वापस लाना है जिसके बारे में लोगों को कुछ भी पता नहीं है.”
एटकेन बेसिन में लैंड कराने की योजना
सीएनएसए के अनुसार, दूर का हिस्सा आम तौर पर पुराना है और इसमें ऐटकेन बेसिन शामिल है, जो तीन प्रमुख चंद्र भू-आकृतियों में से एक है, जो इसे महत्वपूर्ण बनाता है. चांग’ई-6 मिशन के लिए लैंडिंग एरिया चंद्रमा के दूर स्थित दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन को रखा गया है. इस मिशन के तहत अंतरिक्ष यान और पृथ्वी के बीच बेहतर कम्यूनिकेशन सुनिश्चित करने के लिए, चीन ने क्यूकियाओ-2 रिले कम्यूनिकेशन सैटेलाइट विकसित किया है, जिसे 2024 के मध्य में लॉन्च करने की योजना है.
दूसरे देशों के सैटेलाइट को भी ले जाएगा
सीएनएसए ने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए चांग’ई-6 मिशन विभिन्न देशों और क्षेत्रों से पेलोड और उपग्रह परियोजनाओं को ले जाएगा. इसमें फ्रांस का डोर्न रेडॉन डिटेक्शन उपकरण, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का निगेटिव आयन डिटेक्टर, इटली का लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर और पाकिस्तान का क्यूबसैट शामिल है.
चीन चंद्र मिशन में तेजी से कर रहा है काम
मालूम हो कि चीन अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन के विकास में भी तेजी ला रहा है, जिससे मानव ज्ञान की सीमाओं का संयुक्त रूप से विस्तार करने और अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग और मानव जाति के लिए साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण में योगदान देने के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को आकर्षित करने की उम्मीद है.