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बच्चे पैदा नहीं कर रहे चीनी, बंद हो रहे डिलिवरी सेंटर; जानें क्या है कारण?

डेस्क: आए दिन चीन में बीमारियों को लेकर खबरें सामने आती रहती हैं. कोविड महामारी, फ्लू और निमोनिया से लेकर चीन कई तरह की हेल्थ इमरजेंसी का सामना कर चुका है, लेकिन अबकी बार इस देश में एक नया ही संकट गहरा रहा है. समाचार आउटलेट डेली इकोनॉमिक न्यूज के मुताबिक, चीन के कई अस्पतालों ने इस साल अपने यहां नवजात शिशु की डिलिवरी सेवाएं देना बंद कर दिया है. अस्पतालों में प्रसूति और शिशु वार्ड को बंद किया जा रहा है.

चीन के पूर्वी झेजियांग और दक्षिणी जियांग्शी सहित विभिन्न प्रांतों के अस्पतालों ने घोषणा की है कि वे अपने प्रसूति विभाग पूरी तरह से बंद कर देंगे. कई अस्पतालों ने तो बीते दिनों अपने यहां शिशु और प्रसूति वार्ड बंद भी कर दिए हैं. चीन में बच्चों की जन्म दर में आ रही भारी कमी के कारण ऐसा हो रहा है.चीनी कपल बच्चों को जन्म देने से कतरा रहे हैं. बच्चा प्लान करने वाले कपल की संख्या में लगातार कमी आ रही है.

इसकी वजह से चीन की जनसंख्या में 2023 के बाद से लगातार दूसरे वर्ष गिरावट आई है. इसका बड़ा कारण जन्म दर में रिकॉर्ड कमी और कोविड महामारी के दौरान हुई मौतों को बताया जा रहा है. चीन में बच्चों के जन्म दर में आ रही गिरावट की वजह से प्रसूति अस्पतालों की संख्या 2020 में 807 से घटकर 2021 में 793 हो गई है. इस संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. अगले कुछ महीनों में कई और अस्पतालों ने भी डिलिवरी सेंटर बंद करने का फैसला किया है.


क्यों बंद हो रहे शिशु वार्ड
चीन के स्थानीय मीडिया ने कहा कि नवजात शिशुओं की जन्म दर लगातार गिर रही है. अस्पतालों में पहले की तुलना में बहुत कम महिलाएं बच्चों की डिलिवरी के लिए आ रही है. अस्पतालों में लागत तो पूरी लग रही है, लेकिन डिलिवरी न होने की वजह से खर्च नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में अस्पतालों ने अपने प्रसूति विभाग का संचालन जारी नहीं रखने का फैसला लिया है.

जन्म दर में गिरावट क्यों?
चीन में महंगाई बढ़ रही है. कई कपल बच्चों की देखभाल की ऊंची लागत की वजह से बच्चे प्लान नहीं कर रहे हैं. इसके अलावाशादी करने की अनिच्छा और अपने करियर के कारण बच्चे पैदा न करने का ऑपशन चुन रहे हैं. चीनी अधिकारियों ने जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन और उपाय करने की कोशिश की है, जिसमें मातृत्व अवकाश का विस्तार, बच्चे पैदा करने के लिए वित्तीय सहायता, टैक्स में लाभ और घर बनाने के लिए सब्सिडी देने पर काम किया जा रहा है.

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