इंदौर। कागजों (papers) पर ही कालोनियों (colonies) के नक्शे बनाकर डायरियों (diaries) पर 300 करोड़ रुपए से अधिक के भूखंड (plots) जमीनी जादूगरों ( ground magicians) और उनके ब्रोकरों ने बेच डाले। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने एक दर्जन से अधिक ब्रोकरों के खिलाफ गिरफ्तारी (arrest) वारंट जारी कर जांच शुरू करवाई और अभी 13 दिसम्बर को इन ब्रोकरों (brokers) की फिर प्रशासन के समक्ष पेशी भी है। दूसरी तरफ डायरियों पर बिकी कालोनियों का हल्ला विधानसभा (assembly) में भी सुनाई देगा। इस संबंध में सवाल पूछे गए हैं, जिनका जवाब कलेक्टर कार्यालय और नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा दिया जा रहा है। बिजलपुर की अवासा टाउनशिप और आईआईएम के पास पीथमपुर (pithampur) रोड राऊ (rau) मेें लैंडमार्क ग्रीन्स नामक कालोनी के संबंध में विधानसभा में भी जानकारी मांगी गई है।
जमीनी कारोबार (ground business) के धंधे में एकाएक आई तेजी का फायदा मुनाफाखोरी और सट्टेबाजी (betting) के चलते जमीनी जादूगरों ने उठाया और धड़ाधड़ ढेरों कालोनियां खेतों में ही कागजों (papers) पर काटकर डायरियों के जरिए बेच डाली। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने एक दर्जन से अधिक प्रॉपर्टी ब्रोकरों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करवाए, जिनकी लगातार पेशी चल रही है। इन दलालों ने दो दर्जन से ज्यादा कालोनियों में 300 करोड़ से ज्यादा के भूखंड डायरियों पर बेचना बताए। हालांकि इससे दो गुना माल बेचा गया है। अभी 13 दिसम्बर को अपर कलेक्टर राजेश राठौर के समक्ष फिर इन ब्रोकरों की पेशी होना है। वहीं एक मामला लैंडमार्क ग्रीन्स टाउनशिप का भी सामने आया, जिसके संबंध में विधानसभा में सवाल किया गया कि इसके कालोनाइजरों द्वारा डायरी पर कितने भूखंड बेचे गए। वहीं रेरा सहित अन्य अनुमतियों की जानकारी भी मांगी गई है। नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा सर्वे नम्बर 490/1/1, 490/2/1, 490/2/2, 490/3/1/1 सहित अन्य सर्वे नम्बरों की कुल रकबा 6.402 हेक्टेयर पर अभिन्यास मंजूर किया गया। जेएमजी इन्फ्रा प्रोजेक्ट के पार्टनर कुणाल जवेरी, नवीन मेहता और विजय गांधी इस प्रोजेक्ट से जुड़े और यह जमीन हत्या के आरोप में जेल में बंद हेमंत नीमा और उनके परिजनों से खरीदी गई है। इस कालोनी के बीच से 75 मीटर चौड़ी मास्टर प्लान की सडक़ भी गुजर रही है। हालांकि इसे हटवाने के प्रयास भी संबंधित कालोनाइजरों द्वारा करवाए जा रहे हैं। नगर तथा ग्राम निवेश विधानसभा में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहा है। वहीं प्रशासन का कहना है कि डायरी पर बिके भूखंडों की जांच भी की जाएगी। कलेक्टर पूर्व में ही चेतावनी दे चुके हैं कि डायरियों पर जिन लोगों ने भूखंड बेचे उनकी अनुमतियां निरस्त करेंगे।
Share:![](https://www.agniban.com/wp-content/uploads/2021/03/wagroup-join-banner.png)