इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

पुरानी व्यवस्था के एसपी के क्षेत्र से भी छोटा होगा कमिश्नरी इलाका

  • पहले एक ही एसपी संभालता था पूरा इंदौर

इंदौर। शहर में पहले एसपी प्रभारी (SP in-charge) होते थे, लेकिन अब आईजी रैंक का कमिश्नर होगा, लेकिन उसके पास पुराने समय के एसपी (Sp)  से भी कम क्षेत्र होगा। पुराने एसपी के पास देहात के भी थाने होते थे, जो नए एसपी के पास नहीं होंगे।
शहर में पहले एसपी प्रभारी होते थे। इसके बाद अपराधों पर नियंत्रण के लिए एसएसपी सिस्टम (SSP System) लागू किया गया। इसमें शहर की कमान डीआईजी (DIG) स्तर के अधिकारी को दी गई है, लेकिन अब पुलिस कमिश्नरी लागू से इसमें आईजी रैंक का अफसर कमिश्नर होगा। पहले शहर और देहात मिलाकर लगभग 30 थाने होते थे, जो उस समय एसपी के अंडर होते थे, लेकिन बाद में थानों की संख्या देहात और शहर में मिलाकर 45 हो गई। ये सभी एसएसपी के अधीन रहते थे, लेकिन अब कमिश्नरी में केवल शहर के 34 थाने रहेंगे। हालांकि शहर में नए थाने कनाडिय़ा, तेजाजीनगर, गांधीनगर (Kanadia, Tejajinagar, Gandhinagar) बन गए हैं, लेकिन क्षेत्र उतना ही है। हालांकि जनसंख्या और अपराध बढ़ गए हैं। अब यह क्षेत्र आईजी रैंक के अफसर कमिश्नरी में देखेंगे। डीआईजी स्तर के दो अधिकारी होंगे और एसपी स्तर में आठ। इसके चलते इंदौर में पदस्थ रहे कई अफसर इंदौर से भागने के चक्कर में हैं। उनका कहना है कि पहले वे जिस पद पर रहे, अब प्रमोशन के बाद भी उनके पास उतना क्षेत्र नहीं होगा। वहीं कुछ अधिकारी कमिश्नरी सिस्टम में काम करने के लिए अपनी पोस्टिंग करवाने में लगे हैं।


इंदौर के 10 थाने ऐसे, जहां नई प्रणाली में भी चुनौतियां
शहर में कल से पुलिस कमिश्नरी (Police Commissionerate) की घोषणा हो गई है। आज नए अधिकारियों की पदस्थापना होना है। इसी बीच अब सभी टीआई की नजर ऐसे दस थानों पर हैं, जिनमें सबसे अधिक अपराध दर्ज होते हैं। ऐसे दस थाने हैं, जहां टीआई पोस्टिंग करवाना चाहते हैं। शहर में शहरी क्षेत्र में पुलिस कमिश्नरी लागू हो गई है। इसके बाद अब बड़े अधिकारियों की संख्या भी बढ़ गई है। इसके चलते टीआई स्तर के अधिकारी भी अपनी जुगत में लग गए हैं। इंदौर में दस थाने ऐसे हैं, जहां एक हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। नंबर वन पर हमेशा की तरह बाणगंगा थाना है। यहां इस साल अब तक 1730 केस दर्ज हुए हैं। दूसरे नंबर पर लसूडिय़ा थाना है। यहां अब तक 1617 मामले दर्ज हुए हैं। तीसरे नंबर पर विजयनगर थाना है, जहां 1225 केस दर्ज हुए हैं। चौथे नंबर पर राजेंद्रनगर थाना है, जहां 1036 केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा खजराना में 1195, चंदननगर में 1086, भंवरकुआं में 990, हीरानगर में 887, परदेशीपुरा में 904 और द्वारकापुरी में 750 केस दर्ज हुए हैं। इन सभी थानों में पोस्टिंग के लिए टीआई लग गए हैं। माना जाता है कि जहां अपराध ज्यादा होते हैं, वहीं आवक अधिक होती है। इसके चलते यह जुगत शुरू हो गई है। कुछ अपने थाने बचाने में लगे हैं तो कुछ उनको हटवाने में।

सबसे कम अपराध वाला सराफा थाना
इस साल भी सबसे कम अपराध में नंबर वन सराफा थाना है। यहां लगभग डेढ़ सौ अपराध दर्ज हुए हैं। इसके अलावा शहरी क्षेत्र के थाने कोतवाली, एमजी रोड, सदर बाजार, छत्रीपुरा, छोटी ग्वालटोली, पंढरीनाथ थानों में कम अपराध हुए हैं। पुलिस का कहना है कि ये इलाके बाजार क्षेत्र वाले हैं और यहां रहवासी क्षेत्र नहीं होने से अपराध कम होते हैं।

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