- पीसीसी चीफ कमलनाथ का दावा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना तय
भोपाल। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक दल अपनी-अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुट गए हैं। कांगे्रस एवं भाजपा के अंदरूनी सर्वे रिपोर्ट के हवाले से खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दावा किया हैकि कांग्रेस पार्टी ने कोई चुनावी सर्वे नहीं कराया है। नाथ ने कहा कि मैं इतना स्पष्ट करना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता मजबूती से कार्य कर रहा है। मध्य प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को ऐतिहासिक जनादेश देने का मन बना लिया है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करेगी।
कमलनाथ ने कहा कि मप्र की जनता के मन में कांग्रेस पार्टी को लेकर अभूतपूर्व उत्साह है। नाथ ने कहा कि कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह की कयासबाजी में नहीं पडऩा चाहिए और पूरा ध्यान अपने अपने बूथ को मजबूत करने पर लगाना चाहिए। हमारा संगठन जितना मजबूत होगा हमारी जीत उतनी बड़ी होगी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मेहनत से नए वर्ष में मध्य प्रदेश को नई सरकार मिलना तय है
जिलों से आएंगे विधानसभा प्रत्याशियों के नाम
प्रदेश कांग्रेस विधानसभा चुनाव-2023 में नगरीय निकाय चुनाव का फार्मूला अपनाएगी। यानी विधानसभा क्षेत्र में आम सहमति बनाकर प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। निकाय चुनाव में इस फार्मूले का पार्टी को खासा फायदा मिला है। माना जा रहा है कि मैदानी कार्यकर्ताओं की सहमति से प्रत्याशी चयन के कारण ही पार्टी पांच महापौर जिता लाई। मैदानी स्तर के पार्टी पदाधिकारी और नेताओं को इसके संकेत दे दिए गए हैं। जिला स्तर पर विधानसभा के लिए संभावित प्रत्याशियों की सूची भी तैयार कराई जा रही है, ताकि ऐन वक्त पर प्रत्याशी का चयन करने में समस्या न आए।
उमा भारती की वजह से मप्र में बनेगी कांगे्रस की सरकार
- पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी का दावा
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तेवर इन दिनों आक्रामक बने हुए हैं। अभी तक वे शराबबंदी की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर रही थीं। हाल ही में उन्होंने बयान देकर भाजपा की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। उमा के बयानों को कांग्रेस सियासी तौर पर भुनाने की जमावट कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार उमा भारती की वजह से ही बनेगी। 2003 में कांग्रेस की सरकार उमा की वजह से ही गई थी। उमा भारती ने लोधी समाज के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर कहा कि वे समाज से यह नहीं कहेंगी कि वे भाजपा को वोट दें। उन्हंोंने समाज को अपने विवेक से वोट करने की अपील की है। इसके बाद उमा ने दूसरा बयान देकर कहा कि राम और हनुमान भाजपा के नहीं है। भगवान सभी के हैं। उमा के इन बयानों का कांग्रेस सियासी लाभ लेने की रणनीति पर काम कर रही है। खास बात यह है कि मप्र भाजपा ने फिलहाल उमा भारती के बयानों पर चुप्पी साध ली है।
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