भोपाल। मप्र में खंडवा लोकसभा और जोबट, रैगांव तथा पृथ्वीपुर (Khandwa Lok Sabha and Jobat, Raigaon and Prithvipur) विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में भाजपा और कांग्रेस (BJP and Congress) जुट गई हैं। चारों उपचुनाव भाजपा के लिए अवसर हैं कि वह जनता के सामने अपनी बात कह सके। वहीं कांग्रेस दमोह (Congress Damoh) उपचुनाव की तरह इन चारों सीटों को जीतना चाहेगी। इसके लिए पार्टी ने दमोह मॉडल (Damoh Model) से ही उपचुनाव लडऩे की तैयारी शुरू कर दी है।
उपचुनाव कोरोना संकट (Corona Problem) के बीच ही होंगे। यह संकट भाजपा के लिए बड़ी चुनौती की तरह है। शिवराज सरकार
(Shivraj Government) के फिर से सत्ता में लौटने के समय से ही कोरोना (Corona) की चुनौती के कारण बड़ी उपलब्धि जनता के बीच ले जाने की स्थिति नहीं है। वहीं, दमोह उपचुनाव में सफलता से उत्साहित कांग्रेस इसी मॉडल पर बाकी के उपचुनाव भी लड़ेगी। अगले विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले यह उपचुनाव प्रदेश में सत्ता के सेमीफाइनल की तरह हैं। इसे लेकर भाजपा में चिंतन का दौर जारी है। कांग्रेस की रणनीति यह है कि जनता से सीधे संवाद के माध्यम से उसने दमोह उपचुनाव जीता था। इसी पैटर्न को आने वाले उपचुनावों में भी लागू किया जाएगा। चारों उपचुनाव प्रदेश के चार अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे, इसलिए इसके नतीजों से जनता का रुख स्पष्ट हो जाएगा।
युवाओं को सौंपी उपचुनाव की कमान
दमोह उप चुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को धार देना तेज कर दिया है। एमपी कांग्रेस ने उपचुनाव वाली 3 विधानसभा सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। इन तीन में से दो सीट पर पहले भी कांग्रेस का ही कब्जा था।
कांग्रेस के कब्जे वाली सीट जोबट पर विधायक रवि जोशी को प्रभारी बनाया गया है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन के बाद खाली हुई पृथ्वीपुर सीट को जीतने के लिए कांग्रेस ने विधायक प्रवीण पाठक और मनोज चावला को प्रभारी बनाया है। बीजेपी के कब्जे वाली रेगांव के लिए लखन घनघोरिया को जिम्मेदारी दी गई है। खंडवा लोकसभा सीट के लिए फिलहाल प्रभारी तय नहीं हुए हैं। इस पर पार्टी आजकल में फैसला लेगी।
युवाओं को मौका
इन उपचुनाव वाली सीटों पर युवा विधायकों को जिम्मेदारी देकर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने संकेत दे दिया है कि वक्त है बदलाव का। यानि युवाओं में ही अब कांग्रेस का भविष्य है। सीनियर लीडर्स को दूर रखने पर अब सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस ने पार्टी के सक्रिय और सीनियर लीडर्स एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, डॉक्टर गोविंद सिंह, विजयलक्ष्मी साधौ को उपचुनाव के प्रभार से दूर रखा है। हालांकि पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है पार्टी की कोशिश है कि 2023 के चुनाव से पहले युवा ब्रिगेड को आगे लाया जाए और इसी कारण से उपचुनाव वाली सीटों पर सीनियर लीडर्स के बजाय युवाओं को मौका दिया जा रहा है।
दावेदार किनारे
कांग्रेस के उपचुनाव वाली सीटों पर प्रभारी नियुक्त करने पर बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कांग्रेस पार्टी में अब भरोसे का संकट खड़ा हो गया है। जो नेता प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में हैं उन्हें पार्टी से किनारे किया जा रहा है। एनपी प्रजापति, डॉ गोविंद सिंह, विजयलक्ष्मी साधौ यह वो चेहरे हैं जो प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल हैं। रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस में गुटबाजी के चरम पर होने की बात कही है।
दमोह में जीत का उत्साह
दमोह उपचुनाव में कांग्रेस को मिली ज़ोरदार जीत के बाद पार्टी 3 विधानसभा सीट और एक लोकसभा सीट के उपचुनाव को लेकर उत्साहित है। यही कारण है की पीसीसी चीफ कमलनाथ ने लंबा मंथन करने के बाद ये प्रभारी नियुक्त किए हैं। पार्टी इन सीटों पर जीत के लिए बारीकी से फैसले कर रही है। जातीय समीकरण साधने के साथ ही युवाओं को ज्यादा मौका देने का प्रयास है। मतलब साफ है कि दमोह उपचुनाव के नतीजों के बाद 4 सीटों का उपचुनाव बेहद दिलचस्प होगा।
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