इंदौर न्यूज़ (Indore News)

तबादलों के खिलाफ कोर्ट की शरण में सहकारिता निरीक्षक, एक को मिला स्टे


ऑपरेशन भूमाफिया को ठप करने के लिए भोपाली खेल… पुराने जानकारों को हटाने से संस्थाओं की जांच पर आएगी आंच
इंदौर।  सहकारिता विभाग (Cooperative Department) पर सालों से भूमाफियाओं (Land Mafia) का ही कब्जा रहा है। बस, ऑपरेशन भूमाफिया (Operation Land Mafia) के दौरान ही विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शासन-प्रशासन के दबाव में काम कर पाते हैं। हालांकि फरवरी से शुरू हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan)  के भूमाफिया विरोधी अभियान (Anti Land Mafia Campaign) के चलते सहकारिता विभाग (Cooperative Department) के सभी निरीक्षक रात-दिन भिड़े भी रहे, लेकिन फिर भोपाली खेल शुरू हो गया, ताकि दागी और चर्चित संस्थाओं की जांच ठीक तरह से नहीं हो सके और जो जानकार हैं उनका इंदौर से तबादला कर दिया जाए। लिहाजा एक साथ 11 सहकारिता निरीक्षकों के तबादले पिछले दिनों कर दिए। हालांकि इनमें से कुछ कोर्ट की शरण में भी पहुंचे हैं और एक निरीक्षक एमएम श्रीवास्तव को कल हाईकोर्ट से तबादला आदेश के खिलाफ स्टे भी हासिल हो गया और उन्होंने दफ्तर में मिठाई भी बांट दी।


कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने जहां ऑपरेशन भूमाफिया (Operation Land Mafia)  शुरू किया, वहीं चर्चित गृह निर्माण संस्थाओं की जांच भी शुरू करवाई। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस ऑपरेशन को भी कुछ समय के लिए रोकना पड़ा और अभी तीसरी लहर की तैयारियों, वैक्सीनेशन और अन्य जिम्मेदारियों के चलते पुलिस-प्रशासन पूरी ताकत से ऑपरेशन भूमाफिया नहीं चला पा रहे हैं। इसका फायदा उठाकर भूमाफियाओंं ने एक बार फिर सहकारिता विभाग को कब्जे में लेने का खेल शुरू कर दिया और भोपाली मंत्री-अफसरों के जरिए इंदौर सहकारिता विभाग में पदस्थ 11 निरीक्षकों का एक साथ तबादला करवा दिया और उनकी जगह किसी को भेजा भी नहीं, जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से विभाग का काम ही लगभग ठप-सा पड़ गया है। अभी उपायुक्त मदन गजभिये ने जिन संस्थाओं की जांच चल रही है उनसे संबंधित चार निरीक्षकों को रोका, जिनमें प्रवीण जैन, जगदीश जलोदिया, संजय कौशल और एचपी गोयल शामिल हैं। वहीं एक सहकारिता निरीक्षक एमएम श्रीवास्तव को कल हाईकोर्ट से स्टे भी मिल गया। वहीं कुछ निरीक्षकों को रिलीव भी किया गया। दरअसल, कुछ सहकारिता निरीक्षक पुराने हैं, जिन्हें तमाम संस्थाओं में हुए घोटालों की पूरी जानकारी है और अभी वे पुलिस-प्रशासन से लेकर विभाग की मदद भी कर रहे हैं, क्योंकि इन संस्थाओं के कई महत्वपूर्ण रिकार्ड भी गायब हैं। संतोष जोशी, प्रवीण जैन, जगदीश जलोदिया से लेकर कुछ निरीक्षकों ने ऑपरेशन भूमाफिया के दौरान अच्छा काम भी किया और कलेक्टर मनीष सिंह ने भी पिछले दिनों दफ्तर जाकर यह स्पष्ट कहा था कि पहले भले ही भूमाफियाओं की मदद की हो, लेकिन अब पुराने पाप धोने का समय आ गया है। नतीजतन अधिकांश निरीक्षक जिम्मेदारी से काम भी कर रहे थे। मगर भोपाली खेल के चलते उनके तबादले कर दिए गए, ताकि विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई ठप पड़ जाए।


गैर सदस्यों ने भी मचाया आमसभा में हंगामा
अभी गांधी नगर गृह निर्माण संस्था (Gandhi Nagar Home Construction Organization) की आमसभा में जमकर हंगामा भी मचा, जिसमें कुछ हंगामेदार ऐसे भी थे, जो संस्था के सदस्य भी नहीं हैं। ऐसी संस्था की जिम्मेदारी भी बतौर प्रशासक प्रवीण जैन बखूबी संभाल रहे हैं। आमसभा में उनके साथ सहकारिता उपायुक्त के प्रतिनिधि के रूप में संतोष जोशी और राजकुमार देवकर भी मौजूद रहे, जिसमें एक सदस्य सत्यनारायण अग्रवाल ने भी गलत आरोप लगाए। जबकि उनके प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं और ट्रिब्यूनल में भी अपील चल रही है, जिसकी जानकारी जब प्रशासक ने आमसभा में रखी तो वे भडक़ उठे।

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