विदेश

COP-28: भारत आपत्ति पर UE की सफाई, कहा- CBAM का लक्ष्य सिर्फ कार्बन उत्सर्जन रोकना

दुबई (Dubai)। कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम) (Carbon Border Adjustment Mechanism (CBAM)) को लेकर भारत की आपत्ति (India’s objection) के बाद यूरोपीय संघ (European Union) ने अब सफाई पेश की है। ईयू का कहना है कि सीबीएएम का लक्ष्य (CBAM aims) सिर्फ कार्बन के रिसाव को रोकना (only stop carbon leakage) है। बता दें, यूरोपीय संघ भारत और चीन सहित अन्य देशों के ऊर्जा गहन वस्तुओं पर कर लगाने की योजना बना रहा है। ईयू के फैसले पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आपत्ति जताई थी और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद शुक्रवार को यूरोपीय संघ के आयुक्त वोपके होकेस्ट्रा ने जलवायु वार्ता के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सीबीएएम का उद्देश्य काबर्न के रिसाव को रोकना है और यही सीबीएएम का एकमात्र लक्ष्य है। बता दें, कार्बन टैक्स एक जनवरी 2026 से लागू होगा।


2030 तक 55 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य
जर्मन नेता और यूरोपीय संसद के सदस्य पीटर लिसे ने बताया कि ब्लॉक का लक्ष्य है कि साल 2030 तक कार्बन के उत्सर्जन को 55 प्रतिशत तक कम करें। इतना महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल करना सीबीएएम के बिना नामुमकिन है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सीबीएएम को नष्ट करना काफी खतरनाक हो सकता है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे। बता दें, सीबीएएम पर नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भी चर्चा की गई थी। ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन ने कॉप-28 में चिंता जताते हुए कहा था कि इससे आजीविका और आर्थिक विकास को नुकसान होगा।

अब जानिए, आखिर क्या है यह सीबीएएम
कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम) का लक्ष्य यूरोपीय संघ में प्रवेश करने वाले स्टील, सीमेंट, लोहा, उर्वरक और एल्यूमीनियम सहित अन्य ऊर्जा-गहन उत्पादों के निर्माण के दौरान कार्बन उत्सर्जन का उचित मूल्य निर्धारित करना है। सीबीएएम गैर-ईयू देशों में स्वच्छ औद्योगिक उत्पादन को प्रोत्साहित करता है। वहीं, यूरोपीय संघ के कार्बन उत्सर्जन मानकों को पूरा करने वाली कंपनियों को सीबीएएम से छूट दी गई है।

यूरोपीय संघ के कार्बन टैक्स का हल निकालेंगे: गोयल
उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ (ईयू) की तरफ से 2026 से लगाए जाने वाले कार्बन कर को लेकर कहा कि वह इसका हल निकालने में जुटे हैं। अगर जरूरत पड़ी, तो भारत कीओर से भी यूरोपीय संघ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ईयू ने कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम) के तौर पर आयातित वस्तुओं पर कार्बन कर लगाने का प्रावधान किया है। भारत से यूरोप को निर्यात होने वालीं कई वस्तुएं इस कर के दायरे में आ सकती हैं। भारत ने ईयू के इन नियमों को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के खिलाफ बताया है। गोयल ने एक उद्योग मंडल के कार्यक्रम में कहा कि यूरोपीय संघ के साथ इस मुद्दे को लेकर बैठक की जाएगी।

जलवायु संकट समाधान के लिए युवा हाथों को दें कमान : यादव
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कॉप-28 में भारत व यूनिसेफ की तरफ से शुरू की गई ग्रीन राइजिंग पहल के उद्घाटन के दौरान कहा कि युवा बदलाव के वाहक हैं। जलवायु संकट समाधान के लिए सभी देश युवाओं को कमान दें। इस दौरान उन्होंने बताया कि ग्रीन राइजिंग ग्लोबल इनिशिएटिव एक करोड़ बच्चों के लिए जलवायु बदलाव पर देशों की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय कार्य योजनाओं में योगदान करने का मौका देगा। यादव ने कह, दुनिया में स्थिरता के लिए युवा अहम हैं। जलवायु परिवर्तन से प्रभावितों के लिहाज से युवा सबसे कमजोर समूह में शामिल हैं। वे जलवायु संकट के लिए सबसे कम जिम्मेदार हैं, पर इसके सबसे खराब नतीजे भुगत रहे हैं। परिवर्तन लाने के लिए उन्हें सही ज्ञान और कौशल से लैस करना हमारी जिम्मेदारी है। युवाओं को यह बताना होगा कि तकनीकी शक्ति व पर्यावरणीय समझ से मौजूदा संकट हल हो सकते हैं।

कॉप-28 : सभी देश कंफर्ट जोन से बाहर निकलें
कॉप-28 के अध्यक्ष सुल्तान अल-जबर ने शुक्रवार को देशों से आग्रह किया कि वे अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें व दो सप्ताह के शिखर सम्मेलन के खत्म होने से पूर्व समझौते पर पहुंचने के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने वार्ता के सबसे कठिन चरण में प्रवेश करने पर पूर्ण सत्र की शुरुआत करते हुए कहा- आइए, यह काम पूरा करें।

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