- अस्पतालों की उपचार दर संबंधी अन्य मुद्दों पर पक्षकारों ने दिये तर्क
जबलपुर। कोरोना की तीसरी लहर की जारी चेतावनी के बीच मप्र हाईकोर्ट में उक्त मामले की आज सोमवार को सुनवाई जारी है। चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस सत्येन्द्र सिंह की युगलपीठ के समक्ष तीसरी लहर की तैयारी व अस्पतालों के उपचार दर संबंधी मामले में पक्षकारों की ओर से अपने अपने तर्क पेश किये गये, जिन पर दोपहर बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनायेगी।
कोरोना संक्रमण के संबंध में दायर याचिका की पिछली सुनवाई दौरान सरकार की ओर से पेश की गई स्टेट्स रिपोर्ट में बताया गया कि तहसीली, जनपद तथा ग्राम पंचायत स्तर में वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से जारी है। प्रदेश के 114 ग्राम में शतप्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य पूर्ण हो गया है। इसके अलावा अलावा प्रदेश के सभी जिलों में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन का कार्य जारी है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मददेनजर सरकार सर्तक है और केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। वहीं इससे पूर्व हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र द्वारा युगलपीठ को बताया गया था कि सरकार द्वारा कोरोना उपचार की दर निर्धारित कर दी गयी है। सरकार द्वारा सभी श्रेणी के अस्तपालों के लिए एक सामान्य दर निर्धारित की गयी है। बड़े शहरों के मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल की जो उपचार दर है वहीं दर पिछले व आदिवासी बाहुल्य जिलों के निजी अस्तपाल भी ले रहें है। जिसके बाद युगलपीठ ने प्रदेश के बड़े शहरों में कोरोना उपचार की निर्धारित दर के संबंध में जानकारी पेश करने के निर्देश कोर्ट मित्र को दिये थे। न्यायालय के आदेश का परिपालन करते हुए कोर्ट मित्र द्वारा संबंधित अस्पतालों की सूची पेश की गयी थी।
प्रदेश में डेल्टा प्लस वायरस के सिर्फ 11 मरीज
वहीं सरकार की ओर से अपना जवाब पेश करते हुए कहा गया था कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मददेनजर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदेश सरकार ने जारी कर दिये है। प्रदेश के 20 जिलों में सेंटिनल लैब चिन्हित की गयी है। अभी तक 1654 रिपोर्ट में सिर्फ 11 व्यक्तियों में डेल्टा प्लस वायरस पाया गया है। प्रदेश सरकार ने उक्त जानकारी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में पेश की थी।