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शाहीन बाग में निगम के बुल्डोजर ने की ‘न के बराबर’ कार्रवाई, लोहे की रॉड्स गिरवा वापस लौटे निगमकर्मी


नई दिल्ली । दक्षिणी दिल्ली (South Delhi) नगर निगम के बुल्डोजर (Corporation Bulldozer) ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के लिए (For Action against Encroachment) शाहीन बाग (Shaheen Bagh) पहुंचकर ‘न के बराबर’ कार्रवाई की (Took Negligible Action) और लोहे की रॉड्स गिरवाकर (After Plucking Iron Rods) वापस लौट गए (Returned) निगमकर्मी (Corporate Workers) । भारी पुलिस बल के बीच एमसीडी के अधिकारी सुबह शाहीन बाग कार्रवाई की नीयत से आए, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते सभी को खाली हाथ लौटना पड़ा।


हालांकि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई भी होनी है। इसी बीच निगम के बुल्डोजर ने सिर्फ एक बिल्डिंग के बाहर लगी लोहे की रॉड्स को हटवाया, जो वहां रेनोवेशन के काम के लिए लगी थी।फिलहाल शाहीन बाग से बुलडोजर वापस चला गया है। दुकान के संचालकों ने बताया कि, दुकान के बाहरी हिस्से में कुछ काम होना था, इसलिए यह लोहे की रोड्स लगवाई गई थी, निगम के अधिकारियों ने हमसे कहा कि हटवाओ, हमने खुद ही इसे हटवा दिया।

इलाके में निगम की इस कार्रवाई के कारण दुकानदारों ने खुद दुकानों को बंद कर, अपने अपने घर चले गए हैं। दरअसल सुबह इलाके में पहुंचा बुल्डोजर के आगे स्थानीय लोग और तमाम नेता लेट गए और विरोध करने लगे। हालंकि पुलिसकर्मियों ने सभी को हिरासत में ले लिया और स्थानीय थाने ले गए।

निगम की कार्रवाई पर आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि, मैं इस इलाके में कुछ दिन पहले आया और लोगों से आह्वान किया था। आह्वान के बाद लोगों ने खुद अतिक्रमण हटा दिया, एक मस्जिद के बाहर वजूखाना था। उसे भी हटवा दिया गया है। अब एमसीडी बताए कि कहां अतिक्रमण है। ये पीडब्ल्यूडी की रोड है। लोकल पुलिस भी है। मुझसे बात करें। हम खुद अतिक्रमण को हटवा देंगे। सिर्फ राजनीति हो रही है और महौल खराब किया जा रहा है।

शाहीन बाग में निगम की कार्रवाई के लिए 100 सीआरपीएफ जवान सहित की एक अतिरिक्त कंपनी दिल्ली पुलिस के साथ लॉ एंड ऑर्डर के लिए लगाई गई है, जो कि वापस लौट गई है। इससे पहले निगम की कार्रवाई के लिए पुलिस की ओर से सुरक्षाकर्मियों को तैनात नहीं किया गया था जिसके चलते कार्रवाई संभव नहीं हो सकी थी। वहीं इस मसले पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि, शाहीन बाग हो या जहांगीर पुरी या सीमापुरी ये सब अवैध धंधों, अवैध निर्माणों और अवैध घुसपैठियों के अड्डे हैं। यहां बुलडोजर, पुलिस, कानून की एंट्री बैन है। ये छोटे-छोटे मिनी पाकिस्तान जैसे हैं, जहां भारत का संविधान लागू करवाना भी असंभव बनता जा रहा है।

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