- निरंजनपुर, रसोमा, भंवरकुआं, तीन इमली सहित कई चौराहों के लेफ्ट टर्न चौड़े होने थे
इन्दौर। नगर निगम (Municipal corporation) की आर्थिक स्थिति (economic condition) खराब होने के चलते इसका असर विभिन्न विकास कार्यों पर भी पड़ रहा है। शहर के एक दर्जन चौराहों को संवारने और उनके लेफ्ट टर्न चौड़े करने का मामला उलझन में पड़ गया है और कई जगह आधे-अधूरे काम भी बंद हो गए हैं।
नगर निगम (Municipal corporation) ने इससे पहले शहर के विजयनगर, (vijay nagar) पलासिया, (Palasia) डीआरपी लाइन चौराहा, अग्रसेन चौराहा सहित कई चौराहों को संवारने का काम बड़े पैमाने पर किया था और इसके बाद नए कार्यों के लिए एक दर्जन चौराहों की सूची बनाई गई थी। वहां चौराहों को संवारने के साथ साथ उनके लेफ्ट टर्न चौड़े होने के काम शुरू होना थे, इसके लिए निगम ने न केवल सारी तैयारी कर ली थी, बल्कि टेंडर भी जारी कर दिए थे। गत दो वर्षों से निगम (municipal) की माली हालत खराब होने और सम्पत्तिकर और जलकर की राशि कम मिलने के साथ-साथ शासन से भी राशि नहीं आने के चलते सारे प्रोजेक्टों पर इसका असर पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब एक दर्जन चौराहों को संवारने का मामला फिर उलझन में पड़ गया है, क्योंकि कई ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं है। वर्तमान में सिर्फ स्व. सिंधिया की प्रतिमा और उसके आसपास के हिस्सों को संवारने का काम चल रहा है और साथ ही दूसरा काम शहीद ज्ञानसिंह की प्रतिमा स्थल बनाने का काम हो रहा है। शेष स्थानों कॉलानी नगर चौराहा सहित कई अन्य जगह काम अटके पड़े हैं। सबसे बड़ा कार्य भंवरकुआं चौराहे को संवारने के लिए होना है, लेकिन वहां इसके लिए बड़ी राशि का फंड नहीं होने के चलते और साथ ही कुछ अन्य दिक्कतों के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहे हैं।
इन चौराहों को संवारा जाना था
नवलखा चौराहा, तीन इमली चौराहा, निरंजनपुर चौराहा, रसोमा चौराहा, भंवरकुआं चौराहा, विजयनगर चौराहा टावर चौराहा सहित कई चौराहों को संवारे जाने के प्रस्ताव भी मंजूर हो गए थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण मामले उझलन में पड़ गए हैं। भंवरकुआं चौराहे पर शुरुआती कार्य करने के लिए आसपास के गुमटी और कब्जे वालों को नोटिस भी दे दिए गए थे, लेकिन वहां शुरुआती काम ही नहीं हो पाया।