भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) जिस तरह लोगों की जिदंगी छीन रहा है यह हम सभी के सामने हैं। यहां तक कि कई लोगों के साथ तो ऐसा तक हुआ कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी जिंदगी से हार गए, लेकिन राजधानी भोपाल से एक ऐसा व्यक्ति है जिसने करोड़ों खर्च करने के बाद भी संघर्ष करता रहा और आखिरकार मौत के गले से बाहर आ गया।
बात कर रहे हैं भोपाल के रहने वाले अमित शर्मा की जिन्होंने कोरोना संक्रमण से 146 दिनों तक लड़ाई। यहां तक कि कोरोना की दूसरी लहर में उनके 97% फेफड़े प्रभावित हुए थे। शर्मा की जान बचाने में उनकी साली डॉ. मेघा दुबे का महत्वपूर्ण योगदान रहा. डॉ. मेघा ने उन्हें इलाज के लिए हैदराबाद के डॉक्टर हरिकृष्ण के पास भेजा और मौत को मात दी। अगर इलाज के खर्च की बात करें अमित शर्मा पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये लग चुके हैं।
इस संबंध में अमित का कहना है कि जब कोविड-19 की दूसरी लहर चल रही थी, तब वे जरूरतमंदों तक खाना पहुंचा रहे थे। इस बीच कोरोना संक्रमण ने उन्हें ही चपेट में ले लिया। इसके बाद वे पिछले साल 5-14 अप्रैल तक भर्ती रहे, लेकिन, हालत में सुधार नहीं हुआ, क्योंकि, फेफड़ों में बहुत ज्यादा संक्रमण हो चुका था। ठीक होने की उम्मीद लगातार कम होती जा रही थी। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी साली MBBS, MD डॉ.मेघा दुबे से बात की। उन्होंने मुझे इलाज के लिए हैदराबाद एयरलिफ्ट कराया। हैदराबाद के अस्पताल में करीब 4 महीने तक इलाज चला और सवा से डेढ़ करोड़ रुपये इलाज में खर्च हुए, लेकिन आज मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं।
विदित हो कि युवा नेता अमित शर्मा वार्ड क्रमांक-31 के पार्षद भी रह चुके हैं। उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के समय मैं जरूरतमंदों की मदद कर रहा था। उन्हें खाना समेत अन्य जरूरी सामान बांट रहा था। उसी दौरान वह कोरोना के शिकार हो गए। भोपाल में भर्ती रहा, लेकिन हालत नहीं सुधरी, क्योंकि 97% तक संक्रमण हो गया था। इसलिए तुरंत एयर लिफ्ट करके हैदराबाद के यशोदा अस्पताल ले जाया गया। यहां पर 4 महीने तक भर्ती रहा और इलाज में करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च हो गए, लेकिन अब ठीक हो गया हूं। Share: