विदेश

दुनिया भर के देशों पर मंडराने लगा कोरोना का खतरा, वैज्ञानिकों का दावा- नई लहर बेहद खतरनाक

नई दिल्‍ली । चीन (China) में कोरोना वायरस (corona virus) से बिगड़ते हालात के बीच अब इसका खतरा दुनिया भर के देशों पर मंडराने लगा है. चीन के साथ-साथ जापान (Japan), साउथ कोरिया (South Korea) और अमेरिका (America) में भी कोरोना के केसों में तेज वृद्धि देखने को मिल रही है. इस बीच अमेरिका के महामारी वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि चीन और दुनिया के बाकी देशों में फिर से कहर मचाने के लिए तैयार कोरोनो महामारी की नई और बेहद खतरनाक लहर अगले तीन महीनों में लाखों लोगों की जान ले सकती है.

अमेरिका के वैज्ञानिक ने किया यह दावा
अमेरिका के पब्लिक हेल्थ साइंटिस्ट डॉक्टर एरिक फीगल डिंग ने ट्वीट कर दावा किया, ”पाबंदियां हटने के बाद चीन के अस्पताल पूरी तरह से ओवरलोड हो गए हैं. अगले तीन महीनों के दौरान यह संक्रमण दुनिया की 10 फीसदी आबादी और चीन की 60 फीसदी से अधिक आबादी को अपनी चपेट में ले लेगा. इससे लाखों लोगों के मरने की संभावना है. यह तो सिर्फ शुरुआत है.”


उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ”तीन साल पहले वुहान ने हमें सबक दिया था. 2022-2023 की इस लहर का वैश्विक स्तर पर असर छोटा नहीं होगा.”

अमेरिका में नहीं मिल रहीं बुखार और दर्द की दवाएं
फीगल-डिंग ने कई समाचार रिपोर्टों को साझा करते हुए कहा कि सीवीएस और वालग्रीन्स जैसी बड़ी अमेरिकी दवा कंपनियां भारी डिमांड की वजह से दर्द और बुखार की दवाओं की बिक्री को प्रतिबंधित कर रही हैं.

उन्होंने आगे कहा, ”चीन में क्या हो रहा है, यह सिर्फ चीन तक सीमित नहीं रहने वाला. ये हम पहले भी देख चुके हैं”

एक बयान में वालग्रीन्स कंपनी ने बताया कि बढ़ती डिमांग और जमाखोरी से बचने के लिए हमने दवाओं की ब्रिकी के लिए नियम तय कर दिए हैं जिसके तहत कोई व्यक्ति एक बार में सिर्फ छह खुराक ही खरीद सकता है. वहीं, सीवीएस ने कहा कि वह भी बच्चों के दर्द को दूर करने वाली दवाओं को भी प्रति उपभोक्ता दो यूनिट तक सीमित करने वाले हैं.

फीगल डिंग ने यूरोप, अमेरिका, कनाडा और चीन जैसे देशों में दवाओं की किल्लत के बारे में बात करते हुए कहा कि इससे स्थिति और भी खराब होगी.

चीन में लोग दवा कंपनियों के कारखाने पहुंचे
उन्होंने कहा कि बुखार और सर्दी में इस्तेमाल की जाने वाली चीन बेहद आम दवा इबुप्रोफेन की भारी कमी का सामना कर रहा है. इसलिए लोग अब सीधे इबुप्रोफेन कंपनियों के कारखाने पहुंचने लगे हैं और उन्हें हासिल करने के लिए लंबी लाइनों में खड़े हैं क्योंकि दवाएं दुकानों में खत्म हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि अगर चीन में ऐसा होता है तो बाकी दुनिया को भी इस समस्या का सामना करना होगा.

दुनिया भर के देशों की टेंशन बढ़ाने वाला है कोरोना
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, ”पश्चिमी देशों के लोग सोच रहे हैं कि सिर्फ बुखार और एंटीबायोटिक दवाओं की कमी है. लेकिन कुछ दिन की प्रतीक्षा करें, फिर देखिए कि चीन अपने उत्पादन को निर्यात के लिए सीमित कर देगा. यहां लोग इबुप्रोफेन खरीदने के लिए दवा कारखाने में जा रहे हैं क्योंकि मेडिकल दुकानों पर स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो चुका है.

फीगल-डिंग के ट्वीट के जवाब में एक यूजर ने न्यूयॉर्क के वॉलमार्ट स्टोर के दवाओं के खाली रैक की फोटो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ”शनिवार को न्यूयॉर्क में वॉलमार्ट में बच्चों की दवाओं का खाली सेक्शन. यह बीमार बच्चों के माता-पिता के लिए बहुत खराब समय है.”

एरिक के दावे पर लोगों ने जताई नाराजगी
कुछ लोगों ने हालांकि एरिक फीगल की पोस्ट पर नाराजगी भी जताई और उन्हें पैनिक ना फैलाने की सलाह दी. एक यूजर ने लिखा, ”पैनिक फैलाने के मास्टर को बिना तर्क और स्रोतों के साथ ऐसे दावे नहीं करने चाहिए.”

Share:

Next Post

कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने की तैयारी में भारत, आज देशभर के अस्पतालों में होगी मॉक ड्रिल

Tue Dec 27 , 2022
नई दिल्‍ली। चीन (China) में कोरोना महामारी (corona pandemic) के चलते हाल बद से बदतर बने हुए हैं. हर रोज 2 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं तो वहीं सैकड़ों की तादद में लोगों की मौत हो रही है. चीन में हाल इस कदर खराब हैं कि शवों के अंतिम संस्कार […]