उज्जैन। श्री महाकालेश्वर भगवान (Lord Mahakaleshwar) की श्रावण-भादों माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में पांचवी सोमवार 15 अगस्त को सायं चार बजे बड़े धूमधाम के साथ निकली। इस दौरान सवारी में देश भक्ति का माहौल (atmosphere of devotion) देखने को मिला। सवारी में बाबा महाकाल की पालकी (Baba Mahakal’s Palki) से लेकर घुड़सवार पुलिस बेंड तक तिरंगा लगा हुआ था। श्रद्धालुओं ने भी अपने हाथो में तिरंगा लिए सवारी का स्वागत किया तो वहीं दूसरी ओर सवारी में सांप्रदायिक सौहार्द की कई मिसाल भी देखने को मिलती हैं।
आपको बता दें कि श्री महाकालेश्वर महाकाल की सवारी में पिछले 20 साल से आस्था के साथ दारा खान शामिल हो रहे हैं। मस्तक पर चंदन का तिलक और जय श्री महाकाल लिखकर सवारी में दो दशक से दारा खान शामिल हो रहे हैं। जब राजाधिराज भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं तो सभी धर्म और संप्रदाय के लोग उनका पलक पावडे बिछा कर स्वागत करते हैं। इस दौरान खास तौर पर अल्पसंख्यक वर्ग के कई लोग भी सवारी में शामिल होते हैं। दारा खान ने बताया कि वे सवारी में शामिल भी होते हैं और “जय श्री महाकाल” का नारा भी लगाते हैं। दारा खान का कहना है कि ऊपर वाला एक ही है रास्ते भले ही अलग अलग है।
दारा खान के मुताबिक पूरी सवारी में अल्पसंख्यक वर्ग के लोग शामिल होते हैं या फिर सवारी का स्वागत करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके परिवार के कुछ लोग भी कभी-कभी सवारी में शामिल होने के लिए आते हैं। यहां तक कि भगवान महाकाल जब पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकले, उस समय दारा खान सवारी के आगे डमरू बजाते हुए चलते हुए दिखाई दिए।
भादौ माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में भगवान श्री महाकाल की सोमवार 15 अगस्त को सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन होने के पश्चात अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलें। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी दी ।
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