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ज्ञानवापी मामला “सुनने योग्य है या नहीं” पर बहस आज, फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी तीन मांगों पर होगी सुनवाई

वाराणसी। शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला (Shringar Gauri-Gyanvapi case) सुनने योग्य है या नहीं, इस पर जिला जज की अदालत (district judge’s court) में आज भी बहस होगी। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Inazaniya Masajid Committee) की ओर से इस मामले को खारिज करने के पक्ष में दलीलें पूरी होने के बाद वादी पक्ष और जिला शासकीय अधिवक्ता पक्ष रखेंगे।

शृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दाखिल वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर अदालत में कमेटी की ओर से दलीलें पिछली तारीख (26 मई) पर जारी रही थीं। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में कमेटी की तरफ से अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने दो घंटे तक दलीलें रखी थीं। समयाभाव के चलते जिला जज ने इसे जारी रखते हुए 30 मई की तिथि तय की थी।


इसके अलावा, वादी पक्ष की ओर से वजूस्थल पर मिले शिवलिंग के नीचे की दीवार और बांस बल्ली को हटाकर सर्वे की मांग की गई है, जबकि डीजीसी सिविल ने वजूस्थल के तालाब में बरामद मछलियों को संरक्षित करने की मांग का आवेदन दिया है। दोनों ही आवेदन का निपटारा किया जाना लंबित है।

पूजा-पाठ शुरू करने की मांग पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में आज सुनवाई
सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक महेंद्र पांडेय की अदालत में विचाराधीन आदि विश्वेश्वर बनाम राज्य सरकार के वाद में सोमवार को सुनवाई होगी। विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री गोंडा निवासी किरन सिंह व दो अन्य ने यह याचिका दाखिल की है। इसमें यूपी सरकार, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है।

याचिका में तीन बिंदुओं पर कोर्ट से मांग की गई है, जिसमें परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने, ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा पाठ राग भोग दर्शन शामिल है। याचिका में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद अवैधानिक गुंबद को हटाकर पूजा पाठ के अधिकार की बात कही गई है।

ये हैं तीन मांगें…
ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा-पाठ, राग भोग दर्शन की मांग की गई है। मंगलवार को अदालत में अधिवक्ता मानबहादुर सिंह व अनुष्का त्रिपाठी की तरफ से कहा गया शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद दर्शन पूजन, राग भोग पूजा का अधिकार आवश्यक है।

विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मुकदमे के माध्यम से तीन मांग की गई है।

पहली मांग यह है कि ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित हो। दूसरी, ज्ञानवापी का संपूर्ण परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। तीसरी, भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग जो अब सबके सामने प्रकट हो चुके हैं, उनका पूजा पाठ शुरू करने की अनुमति दी जाए।

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