नई दिल्ली। युवाओं को सुरक्षा, रक्षा व अनुशासन (Security, Defense and Discipline) का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) को बदलते वक्त के अनुरूप और प्रासंगिक (consistent and relevant) बनाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने इसके लिए एक उच्च् स्तरीय विशेषज्ञ (high level specialist) समिति बनाई है, ताकि एनसीसी की व्यापक समीक्षा की जा सके। समिति में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) व उद्योगति आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) को भी शामिल किया गया है।
MoD has constituted a high-level expert committee, under the chairmanship of former MP Baijayant Panda, for a comprehensive review of the National Cadet Corps (NCC) in order to make it more relevant in changing times: Defence Ministry pic.twitter.com/9bODVAgkY3
— ANI (@ANI) September 16, 2021
एनसीसी के बारे में जानिए
- उच्च स्तरीय समीक्षा समिति का प्रमुख पूर्व सांसद बैजनाथ पांडा को बनाया गया है। सांसद विनय सहस्रबुद्धे को भी सदस्य बनाया गया है।
- देश में एनसीसी का गठन 16 जुलाई 1948 को राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम के जरिये किया गया था। इसका मकसद युवाओं को रक्षा व सुरक्षा व अनुशासन के प्रति सजग बनाना है। इसमें स्कूल व कॉलेज स्तर के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं।
- पंडित हेमवती कुंजरू की अध्यक्षता वाली समिति ने एक राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों और कॉलेजों में एनसीसी के गठन के लिए एक कैडेट संगठन की सिफारिश की थी। 1952 में इसमें एयर विंग जोड़ा गया था। देश की सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद 1963 में विद्यार्थियों के लिए एनसीसी प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया था। हालांकि 1968 में इसे फिर स्वैच्छिक कर दिया गया था।
एनसीसी में मिलते हैं तीन सर्टिफिकेट
एनसीसी कैडेट्स को ए, बी और सी सर्टिफिकेट मिलते हैं। ए सर्टिफिकेट के लिए कक्षा आठ से दस तक के विद्यार्थियों को लिया जाता है। बी सर्टिफिकेट के लिए इंटरमीडिएट के छात्र होते हैं, जबकि सी सर्टिफिकेट महाविद्यालय स्तर पर दिया जाता है।
एनसीसी कोर्स करने पर मिलता है यह लाभ
एनसीसी के प्रमाणपत्र धारकों खासकर बी और सी सर्टिफिकेट वालों को अगली कक्षाओं में दाखिले में महत्व मिलता है। जैसे बी सर्टिफिकेट वाले 12वीं पास विद्यार्थियों को स्नातक में दो प्रतिशत तथा स्नातक में सर्टिफिकेट प्राप्त विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर में तीन प्रतिशत का महत्व मिलता है। इसके अलावा इनको कई सरकारी विभागों की नौकरियों में भी महत्व दिया जाता है। सी सर्टिफिकेट वालों को सेना और पुलिस सिपाही भर्ती में लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती है, साथ ही आईएमए (इंडियन मिलिट्री एकेडमी) में उनके लिए सीटें आरक्षित होती हैं।
अनुशासन भी सिखाती है एनसीसी
एकता और अनुशासन एनसीसी का सबसे बड़ा अंग है। कैडेट्स को संगठित होकर काम करने और अनुशासित होकर काम करना एनसीसी में सिखाया जाता है। इसके अलावा देशभक्ति की भावना, व्यक्तित्व विकास आदि चीजें भी बच्चे एनसीसी में सीखते हैं।