- समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की मांग कर रहे थे हरियाणा के किसान
चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana) में धान (Paddy) खरीदी (Purchasing) को लेकर किसानों (Farmers) का पिछले 21 घंटे से चल रहा धरना-प्रदर्शन (Demonstration) अब खत्म (End) हो गया है। सरकार (Government) के किसानों की मांगों को लेकर नरम (Soft) रुख अपनाने से लोगों को इस अघोषित बंद (undeclared shutdown) से राहत (relief) मिली है। इधर, कुरुक्षेत्र के एसपी सुरेंद्र सिंह भोरिया ने बताया कि सभी डायवर्जन (diversion) को हटा दिया गया है। अब ट्रैफिक (Traffice) शुरू हो गया है। हमने किसानों के साथ दोस्ताना तरीके से मामले को सुलझा लिया है।
जानकारी के अनुसार हरियाणा के किसान सरकार से धान खरीदी की मांग का 21 घंटे से सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते दिल्ली-अंबाला नेशनल हाईवे पर यातायात बंद पड़ा था। अब खबर है कि सरकार किसानों की मांगों पर नरम हो गई है। खास बात है कि इस ब्लॉक के चलते कुरुक्षेत्र के आसपास ट्रैफिक की भारी समस्या खड़ी हो गई थी। धान की आधिकारिक खरीदी 1 अक्टूबर से शुरू हो रही है।
भारतीय किसान यूनियन-चढ़ूनी (बीकेयू-सी) गु्रप के गुरनाम सिंह चढ़ूनी का कहना है कि राज्य सरकार ने बताया है कि वह अनाज मंडियों में रखी धान निकालना शुरू करेगी। घोषणा के साथ 1 अक्टूबर को कागजों पर काम होगा। बीकेयू-सी किसानों के इस प्रदर्शन की अगुवाई क रही थी। चढ़ूनी ने कहा कि अब वह इसे कहां स्टोर करेंगे, यह उनका सिरदर्द है।
नेशनल हाईवे 44 को ब्लॉक करने के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी। याचिका पर सुनवाई में कोर्ट ने यातायात व्यवस्था बेहतर करने हाईवे खुला रखने के निर्देश दिए। उच्च न्यायालय ने हरियाणा के मुख्य सचिव को निर्देशों के पालन के संबंध में एक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा था।
कुरुक्षेत्र एसपी सुरेंद्र सिंह भोरिया ने बताया कि सभी डायवर्जन को हटा दिया गया है और अब ट्रैफिक शुरू हो गया है। हमने दोस्ताना तरीके से किसानों के साथ इस मामले को सुलझा दिया है। विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को डर था
कि बारिश और नमी अनाज को खराब करे देगी और उनके पास स्टोर करने के लिए जगह नहीं है। ऐसे में सरकार को खरीद की तारीख आगे बढ़ानी चाहिए। Share: