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भोपाल की तर्ज पर इंदौर में भी गाइड लाइन में सुधार की मांग

June 20, 2025

पंजीयन अधिवक्ता बुधवार को देंगे संशोधन के लिए प्रस्ताव

इंदौर। प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) की तर्ज पर इंदौर (Indore) में भी जमीन की गाइड लाइन (guidelines) में एक बार फिर संशोधन करने के लिए आवाज उठने लगी है। पंजीयन का काम करने वाले अधिवक्ताओं द्वारा बुधवार को इस बारे में प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।



प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन से पिछले दिनों भोपाल में बिल्डर, डेवलपर, कॉलोनाइजर और क्रेडाई संस्था के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर गाइड लाइन में विसंगति का मामला उठाया था। इन लोगों ने बताया था कि इस वित्तीय वर्ष में पंजीयन विभाग द्वारा गाइड लाइन में जो परिवर्तन किया गया है उसमें बहुत से ऐसे परिवर्तन कर दिए गए हैं, जो प्रासंगिक नहीं हैं। इस स्थिति के कारण रियल एस्टेट में कामकाज रुकने लगा है। संपत्ति का पंजीयन भी कम होने लगा है। इस स्थिति के बारे में जानकारी मिलने पर मुख्य सचिव द्वारा ऐसी विसंगति को दूर करने का निर्देश दिया गया है।

अब भोपाल की तर्ज पर इंदौर में भी पंजीयन का कार्य करवाने वाले अधिवक्ताओं द्वारा गाइड लाइन में संशोधन कराने के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है। बुधवार से नागरिकों से चर्चा कर संशोधन के प्रस्ताव को तैयार किया जाएगा। यह प्रस्ताव फिर पंजीयन विभाग के डीआईजी को सौंपा जाएगा। पंजीयन कार्यालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि इंदौर में कहीं पर तो 300 फीसदी गाइड लाइन बढ़ा दी गई है और कहीं पर मुख्य मार्ग की कॉलोनी होने के बावजूद गाइड लाइन या तो यथावत कर दी या फिर उसमें 20 फीसदी की दर बढ़ाई गई। लसूडिय़ा मोरी में कृषि की जमीन होने के बावजूद पूरी जमीन को कॉलोनी की जमीन के रूप में गाइड लाइन का निर्धारण कर दिया गया। तलावली चांदा में कृषि की जमीन को 10000 स्क्वेयर फीट की दर से कॉलोनी की जमीन मान लिया गया है। इसके चलते वहां प्रति हेक्टेयर गाइड लाइन 10 करोड़ रुपए हो गई है। ऐसे सारे मामलों को एकत्रित करते हुए गाइड लाइन में एक बार फिर संशोधन के लिए अभियान चलाया जाएगा।

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