आचंलिक

3 घंटे तक चलता रहा प्रदर्शन, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

  • करणी सेना ने किया चक्का जाम : पशु चिकित्सालय के अधिकारियों को निलंबित करने की मांग एडीएम करेंगे जांच

विदिशा। विगत कुछ दिनों पहले विदिशा बरईपुरा चौराहा पर स्थित पशु चिकित्सालय के परिसर में लगे वृक्षों से चिकित्सालय के प्रबंधक को हो रही निजी परेशानी को लेकर वृक्षों की कटाई कराई गई जिसमें वृक्षों की कटाई के साथ-साथ उन पर आश्रय लेने वाले बेजुबान परिंदों के घर उजड़ गए और लापरवाही के चलते सैकड़ों परिंदों की मौत हो गई इस घटना की जानकारी मिलते ही करणी सेना के लोग पशु चिकित्सालय के सामने धरना देने पहुंच गए।
नारेबाजी करते हुए वहां के मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया प्रदर्शन की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी आशुतोष सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर्ताओं को समझाइस दी करणी सेना ने ज्ञापन दिया जिसमें कलेक्टर ने एडीएम को जांच के आदेश दिए वही वन विभाग के अधिकारियों का कहना रहा की भले ही नगर पालिका से परमिशन ली थी लेकिन वाइल्ड लाइन को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना था इसको लेकर हम स्नढ्ढक्र भी दर्ज कर रहे हैं थाना प्रभारी ने कहा कलेक्टर के आदेश अनुसार एडीएम जांच में जो तथ्य आएंगे उन पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी एवं अधिकारियों के बीच बहस का माहौल बन गया: पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाइस दी एवं प्रदर्शनकारियों ने पशु चिकित्सालय के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जिन पशु पक्षियों के कारण यह पशु चिकित्सालय जाना जाता है आज उसी पशु चिकित्सालय में बेजुबान परिंदों की निर्मम हत्या कर दी गई जिसको लेकर आज हम ज्ञापन दे रहे हैं इसके बारे में जब उन्होंने अधिकारी से पूछा तो अधिकारी धमकाते हुए बोला हमें जो करना था हमने कर लिया तुम्हें जो करना है वह कर लो।


करणी सेना जिलाध्यक्ष का कहना है कि चिकित्सालय की लोगों द्वारा गुप्त रूप से वृक्षों की कटाई की गई जिसमें जामुन बबूल सहित हिंदू आस्था का केंद्र जिसको हिंदू समाज पूजनीय मानती है उस पीपल के वृक्ष को भी काट दिया गया और इन वृक्षों पर आश्रय लेने वाले पक्षियों की हत्या कर दी गई लेकिन शाखा के प्रबंधक से हम जब बात करने पहुंचे तो प्रबंधक अपनी गलती ना मानते हुए हमें धमकाने लगे।
चिकित्सालय उपसंचालक ने अलग ही तर्क देते हुए कहा कि परिसर में जिस जगह वृक्ष लगे हुए थे वहां से इंटरनेट कनेक्शन कि केवल लगी हुई थी और वृक्षों के कारण इंटरनेट में समस्या आ रही थी इसीलिए वृक्षों की कटाई की गई जिसकी परमिशन नगर पालिका सीएमओ द्वारा ली गई थी एवं वृक्षों की कटाई के दौरान जो पक्षी घायल हुए हैं उनका इलाज एवं मृत पक्षियों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है
थाना प्रभारी का कहना कहना है कि कलेक्टर द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए हैं जिसकी जांच एडीएम करेंगे एवं उनकी जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे हम उन तथ्यों के आधार पर पशु चिकित्सालय प्रबंधक एवं इस घटना में जो जो व्यक्ति शामिल हैं उन पर वैधानिक कार्रवाई करेंगे । वन विभाग अधिकारी सागर श्रीवास्तव ने कहा की पशु चिकित्सालय के अधिकारियों को जो परमिशन लेना थी वह परमिशन उन्होंने ली लेकिन वाइल्ड लाइन को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना था इसलिए इन पर अंब्रेला एक्ट के तहत केस बनता है हम कल भी आए थे और आज भी मौके पर पंचनामा बनाने आए हैं दुर्भाग्य से जो भी पक्षी नहीं बच पाए हम उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज रहे हैं और जो पक्षी रह गए हैं उनका रेस्क्यू किया जा रहा है। जहां उपसंचालक अलग तर्क दे रहे थे वहीं दूसरी ओर शाखा के संचालक भी अलग तर्क देते नजर आए संचालक डॉ.ओपी गौर का कहना है वृक्षों को काटने का काम विद्युत विभाग के लोग करते हैं लेकिन हमारे यहां करंट आ रहा था इसलिए हमने कटाई करवाई जिसकी परमिशन हमें वन विभाग से नहीं मिलती जिस की परमिशन हमें नगरपालिका द्वारा दी जाती है

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