आचंलिक

विकास शुल्क ने बिगाड़ा भवन निर्माण का बजट

  • अन्य शहरों की अपेक्षा दोगुना शुल्क वसूल रही सीहोर नपा

सीहोर। मंहगाई के इस दौर में भवन निर्माण करना लोगों के लिए बडी चुनौती साबित हो रहा है। भवन निर्माण सामग्री के दाम भी लगातार बढते ही जा रहे हैं। ऐसे में मकान की लागत भी अब बढ़ गई है। वहीं दूसरी और नगर पालिका द्वारा लिए जाने वाला नगरीय विकास उपकर से मकान की लागत का बजट बिगाड़ रहा है। देखा जाए तो भवन की कुल लागत की दस प्रतिशत राशि करीब लोगों को अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए खर्च करनी पड़ रही है। अन्य शहरों की अपेक्षा नगर पालिका सीहोर में विकास शुल्क दोगुनी वसूला जा रहा है।
गौरतलब है कि आवासीय और कमर्शियल निर्माण कार्यों की एनओसी के लिए नगर पालिका द्वारा अनेकों शुल्क लिए जाते हैं। लोगों में नपा सीहोर द्वारा लिए जा रहे नगरीय विकास उपकर को लेकर काफी नाराजगी है। नगरपालिका 50 रूपए वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क वसूल रहा है। जबकि अन्य शहरों में यह शुल्क 16 से लेकर 25 रूपए वर्ग फीट है। वहीं सीहोर नगरपालिका क्षेत्र में पूर्व में 16 रूपए प्रति वर्गफीट शुल्क था। लोगों को कहना है कि नगरीय विकास उपकर की राशि कम होना चाहिए। जिससे रहवासियों को राहत मिले। भवन लागत की बड़ी राशि एनओसी में खर्च करनी पड़ रही है। बढे शुल्क से लोग परेशान हैं लेकिन इस मुद्दे को लेकर कांग्रेसी पार्षद खामौश हैं।

प्रशासक कार्यकाल में बढ़ा शुल्क
जानकारी के अनुसार नगर पालिका सीहोर में नगरीय विकास उपकर दिसंबर 2021 में प्रशासक कार्यकाल के समय बढ़ाया गया था। यह 16 रूपए स्क्वायर फीट से बढ़ा कर 50 रुपए स्क्वायर फीट कर दिया गया था। नगर पालिका द्वारा भवन निर्माण एनओसी के लिए उपभोक्ता से नगरीय विकास उपकर, कर्मकार शुल्क, वाटर हार्वेस्टींग चार्ज, परमिशन शुल्क और कचरा वाहन शुल्क जमा कराए जा रहे हैं। रहवासी प्रशांत गुप्ता ने बताया कि उन्होंने एक हजार स्क्वयर फीट प्लाट की एनओसी के लिए नगर पालिका में आवेदन किया था। करीब 50 हजार रूपए तो विकास शुल्क जमा कराया गया। वहीं अन्य शुल्क के नाम पर 25 हजार रूपए और लिए गए।


सुविधा नहीं तो कैसे शुल्क
बढ़े हुए नगरीय विकास उपकर का लोग विरोध कर रहे हैं। चाणक्यपुरी रहवासी आकाश भैरवे का कहना है कि भवन निर्माण अनापत्ती प्रमाण पत्र के नाम पर नगरवासियों से मनमानी राशि वसूल की जा रही है। रहवासियों की क्या गलती यह सारे शुल्क कालोईजर से जमा करवाने चाहिए। नगरपालिका एनओसी के लिए विकास शुल्क तो लेती है, लेकिन अवैध कालोनियों में बिजली, पानी, सडक जैसी सुविधाएं नहीं देती। जब कोई सुविधा ही नहीं तो लोगों से किस बात का शुल्क वसूल किया जा रहा है।

परिषद की बैठक में होगा निर्णय
इस संबंध में नगरपालिका सीहोर के अध्यक्ष प्रिंस राठौर का कहना है कि बढ़े हुए विकास शुल्क को लेकर काफी शिकायत आ रही हैं प्रशासक कार्यकाल में यह शुल्क बढ़ा था। परिषद बैठक जब भी होगी तो शुल्क कम कर दिया जाएगा। इसे घाटाकर आधा किया जाएगा।

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