धार। वर्तमान समय में देश और शहर पर आई कोरोना विपत्ति (Corona Fatality) में सरकारों द्वारा किए जा रहे तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे है। ऐसे में मरीजों को घर से अस्पताल लाने ले जाने के लिए आई एम्बुलेंस (Ambulance) की कमी को देखते हुए धार के एक इंजीनियर (Engineer) ने अपनी प्रतिभा का सदुउपयोग करते हुए घर बैठे ही पुराने सामानों से एक बाइक एम्बुलेंस का अविष्कार किया है जिससे दुर्गम मार्गो पर चार पहिया एम्बुलेंस को मरीज को लाने में आने वाली परेशानी से भी निजात पाया जा सकेगा।
आवश्यकता ही अविष्कार (Innovation) की जननी है यह कहावत हम बचपन से सुनते आए हैं और इस कहावत को चरितार्थ किया है धार में रहने वाले पेशे से बीई मैकेनिकल इंजीनियर अजीज खान (Mechanical Engineer Aziz Khan) ने। जिन्होंने धार में बढ़ते कोरोना मरीजों को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर ले जाने वाली एम्बुलेंस की कमी को दूर करने के लिए अपना इंजीनियरींग का अनुभव उपयोग में लेते हुए घर बैठे ही पुरानी वस्तुओं का उपयोग करते हुए एक बाइक एम्बुलेंस का निर्माण किया है जो वाकई बहुत कारगर साबित हो रही है। अजीज खान के अनुसार उन्होंने जो बाइक एम्बुलेंस (Bike Ambulance) बनाई है उसमें एक ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ ही जीवन रक्षक दवाईयां और ड्रीप चढ़ाने के लिए भी व्यवस्था कर रखी है जो एक आम चार पहिया एम्बुलेंस में मौजूद होती है। खान ने बताया कि उनके द्वारा बनाई गई एम्बुलेंस (Ambulance) का खर्च चार पहिया एम्बुलेंस के मुकाबले 95 प्रतिशत कम है। मौजूदा सामान्य चार पहिया एम्बुलेंस का अनुमानित खर्च करीब 7 से 8 लाख तक आता है मगर यह बाइक एम्बुलेंस मात्र 25 से 40 हजार रूपए के खर्च में आसानी से बनाई जा सकती है जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गंभीर मरीजों की जान की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। आवश्कयता के चलते किए गए अविष्कार बाइक एम्बुलेंस (Bike Ambulance) को वर्तमान में बीमारी से पीडि़त लोगों के परिजनों को निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस बाइक एम्बुलेंस (Bike Ambulance) के फिलहाल कई मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया है जिससे उनकी जान बच पाई है। प्रशासन को शहर के साथ ही ग्रामीणों के ऐसे दुर्गम रास्तों के लिए इस बाइक एम्बुलेंस (Bike Ambulance) का निर्माण बड़ी तादात में करवाना चाहिए जिससे किसी भी जरूरत मंद मरीज को समय पर इलाज के लिए उसे अपस्ताल पहुंचाया जा सके।
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