भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

शराब को लेकर सत्ता और संगठन में मतभेद

  • कोई शराब दुकान खोलने तो कोई शराबबंदी के पक्ष में उतरे

भोपाल। प्रदेश में जहरीली शराब से लगातार हो रही मौतों के बाद एक बार फिर पूर्ण शराबबंदी की मांग उठने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मांग की है कि भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी की जाएग। जबकि राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा अवैध शराब की विक्री रोकने के लिए नई शराब दुकानें खुलवाने के पक्ष में हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नई शराब दुकानों किसी भी तरह का प्रस्ताव नहीं होने एवं जनता के हित में जरूरी फैसला लेने की बात कह रहे हैं। सत्ता और संगठन के नेताओं के अलग-अलग बयान आने के बाद विपक्ष ने शराब को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। शराब को लेेकर जारी सियासत के बीच आबकारी आयुक्त राजीव दुबे ने कलेक्टरों से शराब दुकान खोलने को लेकर प्रस्ताव बुलाएं हैं। नेताओं के बयानों के बीच आबकारी विभाग ने वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति की तैयारी शुरू कर दी है। जिसमें पांच हजार से ज्यादा आबादी वाले उन गांवों में शराब की दुकान खोलने का प्रस्ताव अनिवार्य रूप से दिया जाए, जहां वर्तमान में कोई दुकान नहीं है। शहरी क्षेत्रों में भी राजस्व बढ़ाने और अपराध के नियंत्रण की दृष्टि से नई दुकानों का प्रस्ताव दिया जा सकता है। इसके लिए विकसित किए गए उन इलाकों को प्राथमिकता दी जाए, जहां वर्तमान में दुकान नहीं है।

अवैध विक्री रोकने नई दुकानें खोलेंगे: नरोत्तम
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पिछले दिनों कहा कि प्रदेश में नई शराब दुकानें खोली जाएगी। इसके लिए उन्होंने दूसरे राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान और उप्र में आबादी के हिसाब से ज्यादा शराब दुकानें होने का तर्क दिया था। गृह मंत्री के अनुसार राजस्थान में एक लाख की आबादी पर मप्र में सिर्फ 4 दुकानें हैं, जबकि राजस्थान में 17 दुकानें हैं। ऐसे में नई दुकानें खोलने पर विचार किया जाएगा।

नई दुकानें खोलने का निर्णय नहीं: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में नई शराब दुकानें खोलने को लेकर गृहमंत्री द्वारा दिए गए बयान से उलट बयान दिया है। बतौर मुख्यमंत्री ने नई शराब दुकान खोलने से इंकार किया है। उन्होंने कहा था कि फिलहाल नई शराब की दुकानें खोलने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार प्रदेश की जनता के हित में हर जरूरी फैसले लेगी।

सीएम के पक्ष में बोले मुख्यमंत्री: देवड़ा
प्रदेश में नई शराब दुकानें खोलने को लेकर अलग-अलग बयान आने के बाद आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने शुरू में चुप्पी साध ली थी। लेकिन बाद में जगदीश देवड़ा भी मुख्यमंत्री के बयान के पक्ष में खड़े नजर आए। देवड़ा ने कहा कि सरकार स्तर पर नई शराब दुकानें खोलने को लेकर कोई विचार नहीं है। हालांकि आयुक्त के प्रस्ताव पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।

माफिया के दबाव में नहीं होती शराबबंदी: उमा भारती
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रदेश में शराब को लेकर जारी बयानों के बीच सोशल मीडिया पर लिखा है कि ‘थोड़े से राजस्व के लालच और माफिया का दवाब शराबबंदी नहीं होने देता। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से की अपील की है कि भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी की तैयारी करें। ‘ मैं सार्वजनिक अपील करती हूं कि बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी की तैयारी करिए। कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही। इससे स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई, किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा। उन्होंने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौतों का हवाला भी दिया है। ‘ देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। जैसे, मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक का पोषण करते हुए उसकी रक्षा करने की होती है। वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे, तो सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकानें खोलना ऐसे ही है।

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