नई दिल्ली । देश के दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) तेजी से बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के बाद से गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, जयपुर, मेरठ (Gautam Buddha Nagar, Ghaziabad, Moradabad, Jaipur, Meerut) और वाराणसी जैसे शहरों में कार्ड खर्च 175 फीसदी बढ़ गया है।
जिन छोटे शहरों में डिजिटल लेनदेन में तेजी देखी जा रही है उनमें अंबाला, जबलपुर, हावड़ा, भावनगर, रेवाड़ी, अजमेर, सूरत, जयपुर, इंदौर, बड़ौदा, चंडीगढ़, लुधियाना, राजकोट, पटना, भोपाल, कानपुर, प्रयागराज, नासिक, पानीपत, कोटा और रायपुर सहित अन्य शहर भी हैं।
वीजा की रिपोर्ट के अनुसार, देश के डिजिटल भुगतान में गैर महानगरीय शहरों विशेष रूप से दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में डिजिटल लेनदेन में तेज भुगतान देखा जा रहा है। ये शहर विकास के रुझान को दिखाते हैं, जो देश में विकसित हो रहे उपभोक्ता क्षेत्रों और बेहतर डिजिटल बुनियादी ढांचे से प्रेरित है।
कर्ज पर निर्भरता
भारत और दक्षिण एशिया के वीजा कंसल्टिंग के प्रमुख सुष्मित नाथ कहते हैं, भारत के तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में गैर-महानगरीय शहर अवसर और आकांक्षा के उभरते जीवंत केंद्र हैं, जो तेजी से डिजिटल अपनाने से प्रेरित हैं।
हालांकि, कैट दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में उपभोक्ताओं के पास औपचारिक क्रेडिट चैनलों तक पहुंच है, लेकिन सीमित क्रेडिट इतिहास के कारण वे साहूकारों या पारिवारिक कर्ज जैसे अनौपचारिक कर्ज स्रोतों पर अधिक निर्भर रहते हैं।
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