भोपाल। दुर्दांत अपराधी और कानपुर शूटआउट के दोषी विकास दुबे के एनकाउंटर पर कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवालिया निशान लगा दिए हैं। उनका कहना है कि यदि विकास दुबे का एनकाउंटर नहीं होता तो यह सरकार पलट जाती।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी विकास दुबे एनकाउंटर पर सवाल उठाए। दिग्विजय ने कहा- पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है? उन्होंने कहा कि जिसका शक था वही हो गया। विकास दुबे का किन-किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले तीन-चार दिनों में विकास दुबे व उसके दो अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है, लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों हे।
Vikas Dubey के एनकाउंटर के यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है। अखिलेश ने अपने ट्वीट में उस वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सवाल उठाए हैं, जिसमें विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया गया था।
अखिलेश यादव ने अपने एक ट्वीट में लिखा, दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है। अखिलेश यादव समेत तमाम राजनेताओं ने पहले ही इस बात का शक जताया था कि विकास दुबे के पीछे यूपी सरकार के तमाम रसूखदार लोगों का संरक्षण शामिल हैं।
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में भी इसी तरह की बात का संकेत दिया है। अखिलेश ने ट्वीट में कहा है कि कार पलटने और विकास दुबे के मरने से सरकार के कई राज खुलने से बच गए हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ जवानों की बर्बर हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे फिल्मी अंदाज में मारा गया है।
यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास को लेकर कानपुर आ रही थी। स्पीड तेज थी। पुलिस के मुताबिक, बर्रा के पास अचानक रास्ते में गाड़ी पलट गई। इस हादसे में विकास दुबे और एक सिपाही को भी चोटें आईं। इसके बावजूद विकास की नजरें पुलिस के चंगुल से बचकर भागने पर थी।
पुलिस का कहना है कि उसने मौका पाकर एसटीएफ के एक अधिकारी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इसी के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। एसटीएफ ने विकास से हथियार रखकर सरेंडर करने को कहा। वह इसके बावजूद नहीं माना तो पुलिस को मजबूरन एनकाउंटर करना पड़ा।
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