अमेरिका में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की शुरुआत होने के कुछ ही समय बाद शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मॉर्डना द्वारा विकसित कोविड-19 टीके को मंजूरी दे दी गई है और तुरंत ही इसे दूसरे देशों को भेजना शुरू किया जाएगा। हालांकि, इस फैसले को लेकर अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की तरफ से कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया गया है। वहीं उन्होंने एक बार फिर अपने ट्वीट में कोरोना को चीन का वायरस बताया और कहा कि इस वायरस से प्रभावित दुनिया के दूसरे हिस्सों में वैक्सीन को को जल्द पहुंचाया जा रहा है। ट्रंप ने ट्वीट में लिखा, “चीन के वायरस ने युरोप और दुनिया के दूसरे हिस्सों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खासतौर पर जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और इटली में। वैक्सीन को जल्द वहां पहुंचाया जा रहा है।”
एफडीए की सलाहकार समिति ने मॉर्डना द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। स्वतंत्र वैज्ञानिकों एवं लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञों वाली एफडीए की वैक्सिन ऐंड रिलेटड बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स एडवाइजरी कमेटी ने बृहस्पतिवार को एक बैठक में मॉर्डना के कोविड-19 टीके ‘एमआरएनए-1273’ के आपात इस्तेमाल की सिफारिश करते हुए इसके पक्ष में मतदान किया।
खाद्य एवं औषधि आयुक्त स्टीफन हान ने कहा कि मॉर्डना के कोविड-19 टीके को लेकर सलाहकार समिति की बैठक से निकले निष्कर्ष के अनुरूप एफडीए ने कंपनी को सूचित किया है कि टीके के आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी संबंधी आगे की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र तथा ऑपरेशन वार्प स्पीड को भी इस संबंध में सूचित किया है ताकि वे टीका वितरण संबंधी अपनी योजनाओं पर काम शुरू कर सकें। एफडीए ने इससे लगभग एक सप्ताह पहले अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और उसके जर्मनी के सहयोगी बायोएनटेक द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी 12 दिसंबर को दी थी। अमेरिका में अब तक 3,10,000 से ज्यादा लोगों की मौत इस खतरनाक वायरस की वजह से हो चुकी है।
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