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डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले की आशंका बढ़ा दी, भड़काऊ बयानबाजियों से माहौल गरमाया

एक तरफ अगले 20 जनवरी को जो बाइडन के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान परमाणु समझौते को फिर से जिंदा करने की कोशिशें तेज हो गई हैं, वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले की आशंका बढ़ा दी है। ये चर्चा पहले से रही है कि राष्ट्रपति पद छोड़ने के पहले ईरान के खिलाफ सैनिक कार्रवाई कर सकते हैं, जिससे ईरान परमाणु समझौते को वापस लाना बाइडन के लिए मुश्किल हो जाए। ट्रंप के ताजा हमलावर तेवर पर ईरान ने भी सख्त बयानबाजी की है।

ट्रंप ने गुरुवार सुबह (भारतीय समय के अनुसार) ईरान पर आरोप लगाया कि उसने बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर हमला किया है। एक फोटो ट्विट करते हुए ट्रंप ने कहा कि दूतावास पर तीन रॉकेट दागे गए, जो अपना निशाना चूक गए। उन्होंने कहा कि इराक में मौजूद अमेरिकियों पर ईरान और हमले करेगा, ऐसी चर्चा है। ट्रंप ने कहा- ‘मैं ईरान को ये दोस्ताना सलाह देना चाहता हूं कि अगर एक भी अमेरिकी मरा, तो उसके लिए ईरान को जवाबदेह ठहराया जाएगा। इस पर विचार करो।’

कूटनीतिक जानकारों ने कहा है कि ट्रंप ने फिर वैसी भाषा बोली है, जैसा साल भर पहले उन्होंने इराक में एक अमेरिकी ठेकेदार के एक रॉकेट हमले में मारे जाने के बाद इस्तेमाल की थी। ये हमला एक शिया गुट ने किया था। ट्रंप ने कहा था कि उस गुट के पीछे ईरान की ताकत है। इसी कथित हमले का जवाब लेने के लिए ट्रंप ने इस साल 3 जनवरी को ड्रोन हमले का आदेश दिया, जिसमें ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी मारे गए। सुलेमानी ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर थे।

उस घटना के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बहुत बढ़ गया था। जिस दिन सुलेमानी को दफनाया गया, ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैनिक अड्डों पर दर्जनों मिसाइलें दागीं। लेकिन इन हमलों से दो घंटे पहले ईरान ने इराक सरकार और अमेरिकी सैनिक कमांडरों को चेतावनी दे दी थी, जिस कारण वो लोग वहां से सुरक्षित जगहों पर चले गए। इसके बावजूद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने तब कहा था कि इन हमलों के कारण अमेरिकी सेना के 110 सदस्यों को सदमे के कारण दिमागी चोट पहुंची। इस साल मई में उनमें से 29 सैनिकों को युद्ध के दौरान घायल होने पर दिया जाने वाला अमेरिकी मेडल दिया गया।

पिछले एक महीने से कुछ अधिक समय से अमेरिका ने फिर से ईरान पर दबाव बना रखा है। नवंबर में उसने बी-52 बमवर्षक विमान उस क्षेत्र में भेजे। ये विमान परमाणु हथियार गिराने में सक्षम हैं। इसके बाद इसी हफ्ते अमेरिका ने एलान किया कि वह अपनी परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी को फारस की खाड़ी में भेज रहा है। उधर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने एक ताजा बयान में ट्रंप की तुलना इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन से की है। सद्दाम हुसैन को फांसी पर लटका दिया गया था। रूहानी ने कहा कि ट्रंप का अंत भी वैसा ही हो सकता है। रूहानी ने बुधवार को अपनी कैबिनेट की बैठक में कहा कि जिस रोज सद्दाम हुसैन को फांसी पर लटकाया गया था, लोगों ने उसे अपनी अंतिम जीत मानते हुए उसका उत्सव मनाया था। वही हाल ट्रंप का भी हो सकता है।

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