इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अहिल्या लोक के कारण राजबाड़ा-गोपाल मंदिर की सड़कें होंगी बंद…

स्मार्ट सिटी बोर्ड बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय
महाकाल लोक की तरह अहिल्या लोक भी इंदौर की प्रसिद्धि को बढ़ाएगा
उद्यान के पीछे का रास्ता होगा चौड़ा… बनेगा चौराहा

इंदौर। स्मार्ट सिटी बोर्ड (Smart City Board) बैठक में कल राजवाड़ा के सामने बनने वाले 25 करोड़ (25 Crore) की लागत के भव्य अहिल्या लोक निर्माण प्रोजेक्ट (Ahilya Public Works Project) को मंजूरी दी गई। इसके लिए राजवाड़ा के सामने और बगल से गोपाल मंदिर की ओर जाने वाली सडक़ों को बंद किया जाएगा और सामने स्थित अहिल्या उद्यान के पीछे की तरफ मौजूदा सडक़ को और चौड़ा कर चौराहे के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं राजवाड़ा और उससे जुड़े क्षेत्र को नो व्हीकल झोन भी करेंगे। इसके साथ ही 40 उमंग पार्क और अन्य टेंडर सहित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उल्लेखनीय है कि कई वर्ष पहले राजवाड़ा के सामने की सडक़ को भी बंद कर दिया था, जिसको लेकर जमकर विवाद हुआ और बाद में फिर उद्यान को बंद कर सडक़ बनाना पड़ी। अब हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि आगे की सडक़ अगर बंद की जाएगी तो उद्यान के बाद की सडक़ को उतना ही चौड़ा कर दिया जाएगा, ताकि यातायात में परेशानी न हो। अभी कंसल्टेंसी फर्म का भी चयन किया जा रहा है, ताकि सर्वे कर उसकी विस्तृत प्लानिंग की जा सके। राजवाड़ा के सामने और बगल की सडक़ को मिलाते हुए अहिल्या लोक का निर्माण उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर किया जाएगा। कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा भी की थी। इसके साथ ही बोर्ड ने गांधी हॉल को ठेके पर देने के टेंडर को लेकर जो हल्ला मचा उसे भी निरस्त कर दिया है।


अभी गांधी हॉल को नगर निगम सुधारने के बाद निजी फर्म को ठेके पर देने जा रहा था, जिसको लेकर शहर में हल्ला मचा और महापौर ने टेंडर निरस्त करने की घोषणा की। हालांकि अधिकांश लोग इस पक्ष में हैं कि किसी निजी फर्म को रख-रखाव और संचालन की जिम्मेदारी नहीं दी गई तो शहर के अन्य प्रोजेक्टों की तरह गांधी हॉल भी जल्द भंगार हो जाएगा। कल नेहरू पार्क स्थित स्मार्ट सिटी के दफ्तर में बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें निगमायुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह के मुताबिक अहिल्या लोक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 25 करोड़ रुपए है। उल्लेखनीय है कि राजवाड़ा को भी जीर्णोद्धार के बाद अभी कुछ समय पहले ही खोला गया है। वहीं अब मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद महापौर ने भी अहिल्या लोक के निर्माण का निर्णय लिया, जिसके चलते राजवाड़ा के सामने ही इसे बनाया जाएगा। अभी राजवाड़ा के सामने जो सडक़ यातायात के लिए उपलब्ध है उसे भी अहिल्या लोक में शामिल किया जाएगा, तो साथ ही उसके बगल से गोपाल मंदिर की ओर जो रास्ता जाता है उसे भी बंद कर अहिल्या लोक में ही शामिल करेंगे। अलबत्ता दूसरी तरफ की जो सडक़ है, जो एमजी रोड से आ रही है वह उसी तरह चलती रहेगी, लेकिन राजवाड़ा के सामने की सडक़ बंद करने के एवज में अहिल्या उद्यान के पीछे की सडक़ को चौड़ा किया जाएगा। यहां पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के साथ इसे चौराहे की तरह विकसित करेंगे। यह सडक़ सीधे आड़ा बाजार और उसके साथ ही यशवंत निवास रोड की तरफ जाती है। निगम अधिकारियों का कहना है कि राजवाड़ा के सामने और गोपाल मंदिर की सडक़ बंद करने से अधिक परेशानी इसलिए नहीं होगी क्योंकि पीछे की सडक़ को चौड़ा कर देंगे और हर तरह के वाहन के लिए यह अहिल्या लोक का पूरा क्षेत्र नो व्हीकल झोन रहेगा। यानी इसमें सिर्फ पैदल चलने वालों को ही अनुमति रहेगी। अभी एमजी रोड से वीर सावरकर मार्केट होते हुए राजवाड़ा आते हैं और फिर वहां से यशवंत रोड की ओर मुड़ते हुए जवाहर मार्ग पर आवागमन होता है। हालांकि सराफा, मारोठिया में दो पहिया वाहन ही जा पाते हैं। अहिल्या उद्यान के पीछे की सडक़ को चौड़ा करने से वह सीधे यशवंत निवास रोड की ओर जाने वाला रास्ता भी सुगम हो जाएगा। इस अहिल्या लोक को समय पर बनाने के लिए बेहद दबाव रहेगा, क्योंकि राजबाड़ा शहर का मुख्य मार्ग होने के चलते उस मार्ग को बंद किए जाने से कई अव्यवस्थाएं हो सकती है और लंबे समय तक यह अव्यवस्था लोगों को झेलना पड़ेगी इससे पहले भी खजूरी बाजार निर्माण को लेकर लोगों ने यातायात की कठिनाइयों को लंबे समय तक झेला है अब अहिल्या लोक के कारण भी यही कठिनाईयां शहर का हिस्सा बनेगी।

60 करोड़ के दो भूखंडों के टेंडर भी मिले

एमओजी लाइन में 11 बड़े भूखंडों को स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कम्पनी में विकसित किया है। इनमें से अभी दो बड़े भूखंडों को बेचने के टेंडर बुलाए गए थे। 30-30 करोड़ रुपए के इन भूखंडों को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है। इससे लगभग 60 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होगी। अभी 15 मई तक निगम ने फर्मों से ऑफर बुलवाए थे। दरअसल एमओजी लाइन को रीडवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट सिटी मिशन से विकसित किया गया है और यहां पुराने जर्जर मकानों को भी तोड़ा गया। पूर्व में भी कुछ भूखंडों के टेंडर बुलवाए गए थे, जो कम राशि के प्राप्त हुए। स्मार्ट सिटी कम्पनी ने 11 ब्लॉक तैयार किए हैं, जिनमें व्यवसायिक, आवासीय गतिविधियों को मंजूरी दी जाएगी और इन्हीं में से दो भूखंड अभी बिक गए हैं।

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