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पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने की संपत्ति कर और नक्शा पास कराने का शुल्क बढ़ाने की तैयारी

नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली (East Delhi) नगर निगम (Municipal Corporation) अयुक्त विकास आनंद ने साल 2022-23 का अनुमानित बजट (estimated budget) पेश किया है। शुक्रवार को स्थायी समिति की बैठक में उन्होंने यह बजट पेश किया। यहां पर सरकारी भवनों के संपत्ति कर को 2-3 फीसदी बढ़ाने और मकानों का नक्शा पास कराने के लिए शुल्क बढ़ाने के दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए गए। इन प्रस्तावों पर निगमायुक्त विचार करेंगे।

स्थायी समिति के अध्यक्ष वीर सिंह पंवार ने भी बताया कि इन दोनों प्रस्तावों पर मंथन के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी भवनों का संपत्ति कर बढ़ा भी तो आम नागरिकों पर कोई बोझ नहीं बढ़ेगा। पूर्वी निगम ने आगामी वर्ष 2022-23 के लिए 4735.77 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। यह पिछले दो सालों के बजट से ज्यादा है। साल 2021-22 में यह 447943.55 करोड़ रुपये, जबकि साल 2020-21 में 241034.51 करोड़ रुपये था।


नागरिक सेवाएं बढ़ाने का प्रस्ताव
राजस्व में अधिक बढ़ोतरी के लिए निगम ने सार्वजानिक-निजी साझेदारी सेल की शुरुआत की है। आयुक्त ने उम्मीद जताई है कि इन परियोजनाओं के पूर्ण संचालन से निगम के राजस्व में और बढ़ोतरी होगी। पूर्वी निगम ने संभावित बजट में स्थानीय नागरिकों को उत्कृष्ट नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराने और उनके जीवन-स्तर में सुधार लाने पर ज्यादा जोर दिया है। इसमें कई करों जैसे कि गाय, भैंस व अन्य जानवरों पर लगने वाला कर, साइकिल रिक्शा, जानवरों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ियों पर लगने वाले करों को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। ऐसा होता है तो स्थानीय नागरिकों को राहत मिलेगी।

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर
स्कूलों के शिक्षा उपकर और सुधार कर को बजट में शामिल किया है। स्कूलों के आधुनिकीकरण पर जोर है। डीडीए और डीएसआईआईडीसी के सहयोग से पीपीपी मॉडल से मल्टीलेवल विद्युत चालित कार पार्किंग व शहादरा दक्षिमी में भवन निर्माण की योजनाओं को प्रमुखता दी है।

कूड़े और वायु प्रदूषण निपटान चुनौती
आयुक्त ने बताया कि गाजीपुर कूड़े के पहाड़ को समाप्त करने के लिए योजना तैयार है। लैंडफिल साइट के नजदीक 10 एकड़ में एसटीपी व ठोस कूड़ा प्रबंधन संयंत्र लगाने की योजना है। गार्डेन पॉलिसी, मिल्क बूथ पॉलिसी, को भी इसनें शामिल किया गया है। क्षेत्र में धूल से पैदा प्रदूषण को कम करने के लिए मैकेनिकल व मैनुअल रोड स्वीपिंग, सड़कों पर पानी का छिड़काव, मलबे के अवैध निपटान पर पिरतिबंध, खुले में कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाने के लिए संसाधन और कार्रवाई बढ़ाने पर भी बजट में जोर दिया गया है।

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