देश

केंद्र के इस प्‍लान से दूर होगा बिजली संकट, जानिए कितनी है बिजली की मांग

नई दिल्‍ली। देश में इस समय पड़ रही भीषण गर्मी (scorching heat) के चलते बिजली की मांग कई गुना बढ़ गई है इसके चलते कई राज्‍यों में बिजली संकट पैदा हो गया है। यहां तक कि पांवर प्‍लांटों में भी कोयले की कमी (Shortage of coal in power plants also) के चलते भी इस समस्‍या से जूझना पड़ रहा है। बिजली की मांग इतिहास के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के कारण आपूर्ति में समस्या (supply problem)  उत्पन्न हो रही है। प्रचंड गर्मी में देश में बिजली की मांग इतिहास के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के कारण आपूर्ति में समस्या उत्पन्न हो रही है।

बता दें कि बिजली आपूर्ति संकट और कई राज्यों में बिजली कटौती के बीच सरकार ने गत दिवस असंचालित कोयला आधारित संयंत्रों को पुनर्जीवित करने पर चर्चा शुरू की। एक रिपोर्ट के अनुसार ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने 7,150 मेगावाट के कोयला आधारित संयंत्रों को पुनर्जीवित करने की योजनाओं पर चर्चा का नेतृत्व किया। ।

कोयला आधारित असंचालित संयंत्रों को पुनर्जीवित करने पर बैठक के बीच, अप्रैल में बिजली की मांग में 14 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई। देश में इलेक्ट्रिसिटी डिमांड 134 बिलियन यूनिट के उच्चतम स्तर को छू गई। यह अनुमान है कि मई में बिजली की मांग बढ़कर 222 गीगावॉट हो सकती है। मौसम विभाग ने हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. मई में उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में सामान्य से अधिक तापमान का पूर्वानुमान भी है, जो 72 वर्षों में दूसरी सबसे भयंकर गर्मी का सामना कर रहा है।

मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल को 14:50 बजे पूरे भारत में हाइएस्ट इलेक्ट्रिसिटी डिमांड 2,07,111 मेगावाट थी आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बिजली की मांग आखिरी बार अगस्त 2021 में 130 बिलियन यूनिट पर पहुंची थी. यह पूछे जाने पर कि असंचालित कोयला आधारिति बिजली संयंत्रों को पुनर्जीवित करने पर बैठक से सरकार क्या उम्मीद कर रही है? ऊर्जा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बिजली कंपनियों के साथ 2,000 मेगावाट से अधिक की क्षमता वाले तीन कोयला आधारित संयंत्रों के संचालन के लिए चर्चा चल रही है जो मौजूदा संकट को कम करने में मददकारी होगा।



विदित हो कि केंद्र सरकार (government) ने 657 पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया है ताकि थर्मल पावर प्‍लांट्स (Thermal Power Plants) तक कोयले के रैक जल्‍द पहुंच सकें और बिजली संकट दूर हो। बिजली की सबसे अधिक डिमांड (Highest demand for electricity) और कोयले की कमी (shortage of coal) के कारण देश में पैदा हुए बिजली संकट को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इन दिनों तेज धूप और गर्मी के बीच उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान, पंजाब, हरियाणा, मध्‍यप्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्‍तराखंड, महाराष्‍ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और गुजरात में लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि देश भर में थर्मल पावर स्‍टेशनों तक कोयले की तुरंत पहुंच बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पैसेंजर ट्रेनों का रद्द करने का निर्णय लिया है। इसमें पैसेंजर ट्रेनों के रद्द होने से कोयले से भरे रैक वाली मालगाड़ियों को जल्‍द रास्‍ता मिलेगा और वे थर्मल पावर स्‍टेशनों तक की दूरी कम समय में पूरी कर सकेंगी। कोयले की कमी के कारण कई राज्‍यों में बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी के इस मौसम में बिजली का चले जाना, लोगों की परेशानी का कारण बन रहा है. इसी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

वहीं देश के कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वर्तमान में हालात स्थिर बने हुए हैं। हमारे पास करीब 30 लाख टन का स्‍टॉक कोयला है, जबकि थर्मल पावर प्‍लांट के पास 21 मिलियन टन कोयला भंडार में है। उन्‍होंने बताया कि रूस यूक्रेन युद्ध के कारण गैस की आपूर्ति ठप हो चुकी है। ऐसे में भीषण गर्मी के दौर में डिमांड अधिक हो गई है, हालांकि वर्तमान में 2.5 बिलियन यूनिट की दैनिक खपत को देखते हुए करीब 3.5 बिलियन यूनिट बिजली का उत्‍पादन हो रहा है। इधर एनटीपीसी ने भी कहा है कि दादरी की सभी 6 यूनिट और ऊंचाहार की 5 यूनिट पूरी क्षमता के साथ चल रही हैं. कोयले की सप्‍लाई भी निरंतर मिल रही है।

Share:

Next Post

अक्षय तृतीया के मौके पर सोना-चांदी की कीमतों में आई गिरावट, डिजिटल गोल्ड खरीदने के भी बड़े फायदे

Tue May 3 , 2022
नई दिल्ली। आज अक्षय तृतीया का त्योहार है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से भविष्य में समृद्धि और अधिक धन की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप आभूषण खरीदने का मन बना रहे हैं तो आज आपके पास बेहतरीन मौका है। दरअसल, इस मौके पर दोनों कीमती धातुओं के […]