इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर सहित चार बड़े शहरों में रोज मोबाइल चार्जिंग पर खर्च हो रही लाखों की बिजली

  •  इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम में सबसे ज्यादा मोबाइल
  • फेसबुक, गूगल, यूट्यूब,ट्विटर का सर्वाधिक उपयोग
  •  ऑनलाइन पढ़ाई, खेल रहे वीडियो गेम

इंदौर। सामान्य रूप से अब हर व्यक्ति के पास मोबाइल |(Mobile) है, कुछ के पास जरूरत का साधन तो कुछ के पास एक लाख रूपए वाला महंगा मोबाइल स्टेटस सिम्बॉल के रूप में भी है। वैसे तो मोबाइल की चार्जिंग (charging) में कम बिजली (electricity) लगती है, लेकिन सामान्य रूप से स्मार्ट फोन (smart phone) औसत तीन बार चार्ज हो रहे है। चार हजार एमएच से लेकर छ: हजार एमएच की बैटरी चार्ज (battery Charge) करने के लिए रोज ही एक मोबाइल (Mobile) 40 से लेकर 50 पैसे की बिजली (Electricitry)ले रहा है। इस तरह मासिक आधार पर प्रत्येक मोबाइल 12 से 13 रूपए की बिजली ले रहे हैं। एक परिवार के हिसाब से सत्तर से अस्सी रूपए माह की बिजली अलग से रही है।


देश में दूरध्वनि घनत्व (मोबाइल डेंसिटी) में मप्र काफी आगे है। मप्र में भी इंदौर क्षेत्र का घनत्व सबसे ज्यादा है। शहरों में 10 वर्ष के उपर के बच्चे मोबाइल का प्रयोग करते है, चाहे वह स्मार्ट क्लास हो, गेम हो या फिर मनोरंजन आदि के लिए। इंदौर, उज्जैन, रतलाम, देवास में जितनी आबादी है, उसके करीब अस्सी फीसदी मोबाइल है। यह स्थिति इसलिए बनी हैं क्योंकि कई लोग 2 मोबाइल भी प्रयोग में लाते हैं। वाट्स एप, फेसबुक, गुगल सर्चिग, ट्विटर, यू ट्यूब के कारण मोबाइल की बैटरी काफी खर्च होती है, इसलिए स्मार्ट फोन धारक सुबह उठने से लेकर रात को सोने से पहले औसत तीन बार चार्ज करता है। औसत 6 वाट का चार्जिंग होने से एक मोबाइल तीन बार में लगभग 40 से 50 पैसे की बिजली रोज खर्च करता है। पांच सदस्यी परिवार होने पर माह में लगभग प्रति परिवार सत्तर से अस्सी रूपए की बिजली लग रही है। बेसिक मोबाइल फोन रोज 20 पैसे की बिजली खर्च करता है, लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या दस फीसदी भी नहीं है। 90 फीसदी स्मार्ट फोन है। स्मार्ट फोन में भी 80 फीसदी संख्या ज्यादा एमएच क्षमता वाली बैटरी की है। स्मार्ट फोन की बैटरी की क्षमता एवं विद्युत का उपयोग इसी से पता चल जाता है कि कुछ लोग डाक्यूमेंटी फिल्म, पूरी फिल्म, टीवी सीरियल तक मोबाइल पर देखते हैं। एक मोबाइल में दस से पच्चीस एप इस्टॉल होते है, जो सतत बिजली एवं डेटा लेते है। मासिक आधार पर बात की जाए तो एक माह में इंदौर में तीन करोड़ से ज्यादा, रतलाम में पैंतीस लाख से ज्यादा, उज्जैन में साठ लाख से ज्यादा एवं देवास शहर में तीस लाख रूपए से ज्यादा की बिजली मोबाइल के लिए खर्च हो रही है।

  • शहर आबादी एंड्राइड मोबाइल
  • इंदौर 35 लाख 30 लाख
  • रतलाम 4 लाख 3 लाख
  • उज्जैन 7 लाख 6 लाख
  • देवास 3 लाख 2 लाख

नोट.. शहरी आबादी में औसत मोबाइल की संख्या दर्ज की गई है

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