भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

बजट में हर वर्ग को साधने पर जोर

  • मुख्यमंत्री की मंशानुसार तैयार किया जा रहा बजट

भोपाल। चुनावी साल में मप्र का बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू होकर 27 मार्च तक चलेगा। इस दौरान मप्र का बजट भी पेश किया जाएगा। वित्त विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार तकरीबन सवा तीन लाख करोड़ का बजट होगा, जो मॉडर्न बजट होगा। यह बजट अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने वाला होगा। जिसमें विकास और जन-कल्याण पर जोर दिया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बजट के माध्यम से सभी वर्गों को साधने के जतन करेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर सरकार का सर्वाधिक जोर रहेगा। इसके संकेत मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना लागू करने की घोषणा करके दे चुके हैं। इसके साथ ही सरकार की सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के लिए वित्तीय प्रविधान बढ़ाया जाएगा। वहीं, लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के संबंधी योजनाओं का बजट बढ़ाया जाएगा। बजट सवा तीन लाख करोड़ रुपये के आसपास रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री जगदीश देवडा एक मार्च को शिवराज सरकार के वर्तमान कार्यकाल का अंतिम बजट प्रस्तुत होगा। मुख्यमंत्री चौहान बजट के माध्यम से सभी वर्गों को साधने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री की मंशानुसार बजट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चुनावी साल होने के कारण सरकार का सबसे अधिक फोकस प्राथमिकताओं पर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश का बेहतर बजट बनाया जाए। प्रदेश की प्राथमिकताओं को देखते हुए राज्य का बजट तैयार किया जाए। बजट में विकास और जन-कल्याण पर जोर दिया जाएगा। प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। इस साल 48 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि अधो-संरचना विकास पर खर्च की जाएगी। इसके लिए ग्रामीणों और युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे। सहरिया, बैगा, भारिया जनजाति की बहनों के खातों में प्रतिमाह एक हजार रुपए अंतरित करने से कुपोषण दूर करने के प्रयासों में सफलता मिली है। महिला पंचायत में मिले सुझावों को लागू किया गया है।


सामाजिक क्षेत्र के लिए 15 हजार करोड़
वर्ष 2022-23 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 14 हजार 782 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा है। यह इस बार 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगा। इसमें मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के लिए दो सौ करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा जा सकता है। सरकार ने अब बुजुर्गो को हवाई जहाज के माध्यम से तीर्थ यात्रा कराने का निर्णय भी लिया है। इसकी शुरुआत नए वित्तीय वर्ष से की जाएगी, इसके लिए अनुपूरक बजट में भी बीस करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रविधान किया गया था। इसी तरह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए भी पर्याप्त बजट सामाजिक न्याय विभाग को दिया जाएगा। सरकार अब एक हितग्राही पर 55 हजार रुपये व्यय कर रही है। लाड़ली लक्ष्मी को उच्च शिक्षा के लिए 25 हजार रुपये देने का प्रविधान करने के कारण इस योजना का बजट भी बढ़ेगा। साथ ही सरकार नए वित्तीय वर्ष से लाड़ली बहना योजना लागू करने जा रही है। इसमें चयनित हितग्राही को प्रतिमाह एक हजार रुपये दिए जाएंगे।
इसके लिए बारह हजार करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि बजट में रखी जाएगी। इस योजना को आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिकोण से सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।

सरकार का बड़े संकल्प पर फोकस
अब तक की तैयारियों से माना जा रहा है कि विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले बजट के जरिए सरकार बड़ा संकल्प जाहिर कर सकती है। सरकार के लिए यह बजट चुनौती के साथ एक बड़ा अवसर भी है। माना जा रहा है कि राज्य की खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर मप्र का खाका खींचने की कोशिश करेंगे। इसीलिए इस बार का बजट अवसर सरकार के लिए भी होगा, क्योंकि जोखिम लेकर अभी तक जितने भी प्रयोग किए गए हैं, वे सभी प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए कारगर साबित हुए हैं। अप्रैल में ही सरकार मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना को नए सिरे लागू करने जा रही है। इसके लिए आठ सौ करोड़ रुपये रखे जा सकते हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए छह सौ करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के लिए बजट तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावित किया गया है। तो अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के लिए भी राशि की कोई नहीं आने दी जाएगी बताया जाता है कि बजट में आम जनता से प्राप्त सुझावों को भी जोड़ा जा रहा है। ताकि हर वर्ग को बजट में लाभ मिल सके।

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