उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

चिंतामण मंदिर पर करोड़ों के निर्माण के बाद भी प्राचीन बावड़ी खंडहर में तब्दील

  • दीवार पर लगे पीपल के पेड़ की जड़ों से पत्थर टूटकर गिर रहे-प्राचीन महत्व है इस बावड़ी का

उज्जैन। चिंतामण मंदिर स्थित लक्ष्मण बावड़ी की सुध लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। मंदिर की दीवार उगा पीपल का वृक्ष अपनी जड़ें फैला रहा है और इस वजह से प्राचीन पत्थर उखड़कर गिर रहे हैं। यदि समय रहते इसे नहीं हटाया गया तो प्राचीन बावड़ी नष्ट हो जाएगी।


उल्लेखनीय है कि चिंतामण मंदिर स्थित लक्ष्मण बावड़ी का अपना महत्व है और वनवास के दौरान पूजन के लिए लक्ष्मणजी ने बाण मारकर उक्त बावड़ी का निर्माण किया था, तभी से इसे लक्ष्मण बावड़ी कहा जाता है। मंदिर में समय-समय पर निर्माण कार्य किए जाते हैं और वर्तमान में काम चल रहे हैं लेकिन लक्ष्मण बावड़ी की सुध लेने वाला कोई नहीं है। यहाँ मंदिर प्रशासक भी नियुक्त है लेकिन सभी ध्यान केवल मंदिर क्षेत्र में ही लगा हुआ है और बावड़ी की दुर्दशा नहीं दिख रही है। मंदिर की पत्थरों से बनी दीवार पर पीपल का पेड़ उग आया था और अब यह बड़ा हो गया है। इसकी जड़ें चारों और फैल रही है और इनके कारण प्राचीन पत्थर टूटकर गिर रहे हैं। इसे लेकर मंदिर के पुजारियों ने मंदिर के प्रशासक सहित यहाँ काम कर रहे ठेकेदार को इस पेड़ को हटाने के लिए कहा लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है और बावड़ी का वैभव धीरे-धीरे नष्ट हो रहा है।

Share:

Next Post

सरकारी स्कूलों में दो दिन बाद होंगे शाला प्रबंधन समिति के चुनाव

Thu Aug 24 , 2023
शैक्षणिक गतिविधियां, मरम्मत पर 2 लाख तक खर्च कर सकेंगे, 18 सदस्य समिति के लिए 2 साल का समय उज्जैन। राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेश के सभी कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारियों को 26 अगस्त को सरकारी स्कूलों में शाला प्रबंधन समिति (एसएमसी) का गठन करने के निर्देश दिए हैं। एक ही दिन में नामांकन से […]