इंदौर न्यूज़ (Indore News)

हर महीने 150 से अधिक महिलाएं गुजर रही मानसिक यातना से

  • सखी बनी सहारा…
  • 7 सालों में 7919 महिलाओं को सहारा
  • 645 महिलाओं को मिली सखी से सहायता
  • 4784 महिलाओं को मानसिक यातनाओं से मिली मुक्ति

इन्दौर (Indore)। महिलाओं को विधिक सहायता (legal support) चाहिए, मानसिक यातनाओं (mental torture) से मुक्ति दिलानी हो, पुलिस प्रकरण दर्ज (police case registered) नहीं कर रही है या घर में परिवार द्वारा यातनाएं दी जा रही हैं। महिलाओं के लिए खुले सखी सेन्टर ने इन महिलाओं का हाथ थामा है। 7919 महिलाओं में से 244 को आश्रय मिला। 645 को नि:शुल्क विधिक सलाह भी मिली।

इंदौर शहर जितनी तेजी से विकास कर रहा है, उतनी तेजी से लोगों की मानसिकता में परिवर्तन नहीं आ रहा है। आज भी महिलाओं के साथ शारीरिक, आर्थिक, मानसिक यातनाओं की घटनाएं सामने आ रही हैं। सात सालों में 7919 महिलाओं ने सखी सेन्टर से सहारा लिया। महिला एवं बालविकास विभाग द्वारा महिलाओं को विभिन्न तरह के उत्पीडऩ से बचाने के लिए शुरू किया गया सखी सेन्टर संबल बनकर उभरा है। 2016-17 में 21 महिलाओं ने सेन्टर पर विश्वास दिखाया और ये कारवां सात सालों में 7919 तक पहुंच गया है। विभाग द्वारा विधिक सहायता, परामर्श, पुलिस सहायता, चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही है, वहीं अब तक सलाह-मशविरा से 1459 घर टूटने से बचाए हैं।


हर दिन आ रही 20 शिकायत
वर्तमान वर्ष के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो अप्रैल 2022 में 241 महिलाएं सेन्टर की शरण में पहुंंची थीं और यह आंकड़ा प्रतिमाह लगभग 150 से 200 के बीच बना रहा। इस वित्तीय वर्ष में 2110 महिलाओं ने सखी सेन्टर पर विश्वास कर अपना पंजीयन कराया है। 1600 महिलाओं को विभाग ने मुफ्त में विधिक सहायता उपलब्ध करवाई, वहीं ऐसी 26 महिलाएं, जिन्हें परिवार ने अपने घर से निकाल दिया था, उन्हें आश्रय भी दिया गया। विभाग प्रमुख वंचनासिंह परिहार ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन 181 के माध्यम से भी महिलाएं भेजी जाती हैं। अब तक 2571 महिलाओं के प्रकरण सामने आए हैं।

रोजगार दिलाकर बनाया सशक्त
2016 में केंद्र सरकार ने सखी सेन्टर के माध्यम से महिलाओं को आशा देने की उम्मीद जगाई, लेकिन फंड जारी करना ही भूल गए। विभाग द्वारा जनसहयोग से न केवल सेन्टर चलाया जा रहा है, बल्कि महिलाओं के लिए आश्रय के साथ-साथ प्रशिक्षण और रोजगार भी मुहैया कराया जा रहा है। अब तक 72 महिलाओं को विभाग ने रोजगार दिलवाया, वहीं 22 ऐसी महिलाएं जो शिक्षित नहीं थीं, उन्हें बेस्ट आउटआफ वेस्ट का प्रशिक्षण दिलाकर व्यवसाय शुरू करवाया था, वहीं सात ऐसी महिलाएं, जो पीएससी, एसआई और पटवारी की परीक्षाओं में बैठना चाहती थीं, उन्हें निशुल्क कोचिंग दिलवाई जा रही है।

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