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विदेश मंत्री जयशंकर बोले- PM मोदी LAC की यथास्थिति पर नहीं करेंगे कोई समझौता


नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत चीन द्वारा यथास्थिति या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देगा. टाउन हॉल में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर बातचीत करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि चीन ने 1993 और 1996 के समझौते का उल्लंघन करके सीमा पर बड़ी तादाद में सैन्य तैनाती की. उन्होंने कहा कि चीन का प्रयास स्पष्ट रूप से एलएसी को एकतरफा रूप से बदलने का था.

विदेश मंत्री जयशंकर ने बातचीत में कहा, ‘भले ही हम उस समय कोविड-19 के दौर से गुजर रहे थे, लेकिन एक व्यापक संगठनात्मक व नियोजित प्रयास के माध्यम से हम वास्तव में एलएसी पर उनका मुकाबला करने में सक्षम थे, जिसके बारे में मुझे कभी-कभी लगता है कि इस देश में लोगों द्वारा, विश्लेषकों द्वारा, यहां तक कि हमारी राजनीति में भी पर्याप्त रूप से मान्यता नहीं दी गई है. देश के लोग हमारे प्रधानमंत्री पर भरोसा करते हैं, वह इससे (एलएसी पर चीन द्वारा एकतरफा बदलाव की कोशिश पर) कभी समझौता नहीं करेंगे.’

लद्दाख सीमा पर हमने चीन की आक्रमकता का मजबूती से मुकाबला किया
सीमा विवाद के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा के बारे में सामान्य विचार होते हैं. आमतौर पर पेट्रोलिंग पॉइंट पर कोई भी तैनाती नहीं होता है और सैनिक सीमावर्ती इलाकों में अंदरूनी क्षेत्रों में होते हैं. लद्दाख में जो हुआ, वह इसी का परिणाम था. क्योंकि उन्होंने (चीन) अग्रिम इलाकों में तैनाती की थी जो नई थी, और हमने उनके मुकाबले में तैनाती की थी, हमनें भी अग्रिम इलाकों में तैनाती की. यह बेहद खतरनाक था, क्योंकि वे (चीनी सैनिक) बहुत निकट थे.


LAC पर चीन ने नियमों का उल्लंघन किया, इसलिए हुई गलवान की घटना
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा ​कि एलएसी पर चीन द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया और फिर 2 साल पहले गलवान में ठीक वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी. स्थिति हिंसक हो गई और लोग हताहत हुए. उन्होंने कहा, ‘तब से, ऐसी स्थिति है जहां हम टकराव के बिंदुओं पर बातचीत करते हैं. जब आप कहते हैं कि क्या इसका परिणाम निकला है, तो उनमें से टकराव वाले कई बिंदुओं का मामला सुलझ चुका है.’

लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच कई मुद्दों का समाधान हो चुका है
जयशंकर ने कहा, ‘ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां से वे (चीनी सैनिक) वापस चले गए हैं. हम भी वापस आ गए हैं. याद रखें, हम दोनों अप्रैल से पहले की हमारी स्थिति से बहुत आगे निकल गए हैं. क्या सब कुछ हो गया है? नहीं. क्या हमने ठोस समाधान किए हैं? वास्तव में, हां. यह बहुत कठिन और मेहनत का काम है. यह बहुत धैर्य का काम है, लेकिन हम स्पष्ट हैं कि हम चीन को एलएसी पर यथास्थिति बदलने के उसके किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देंगे.’

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