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भुजबल के दावे पर फडणवीस बोले- इस्तीफा स्वीकार नहीं किया, CM शिंदे देंगे जवाब

मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा भले ही शांत हो गया है लेकिन इससे भड़की आग की चिंगारी अभी भी बाकी है. जिसका सीधा असर मौजूदा सरकार पर पड़ रहा है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और NCP (अजित पवार गुट) के नेता छगन भुजबल ने शिंदे सरकार से मराठा आरक्षण के फैसले पर सवाल उठाते हुए इस्तीफा दे दिया है. इस बात का खुलासा खुद भुजबल ने शनिवार 3 फरवरी को किया.

अब इस मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का बयान सामने आया है. फडणवीस का कहना है कि वरिष्ठ ओबीसी नेता और राज्य कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. न ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और न ही उन्होंने इसे स्वीकार किया है. फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि इस बारे में सीएम शिंदे जवाब दे पाएंगे.

भुजबल का बैक डोर से मराठा समुदाय को एंट्री देने का आरोप
दरअसल वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र सरकार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के कोटा में मराठा समुदाय को पिछले दरवाजे से एंट्री देने का आरोप लगाया है. शनिवार को अहमदनगर में एक रैली के दौरान भुजबल ने कहा कि वो मराठों को आरक्षण मिलने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन राज्य में जो ओबीसी के लिए मौजूदा कोटा है उसे मराठा के साथ साझा करने के खिलाफ हैं.


’16 नवंबर को दे दिया था इस्तीफा’
छगन भुजबल ने ये भी कहा कि पिछले साल 16 नवंबर को ही उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन वो पिछले दो महीनों से इसलिए चुप्पी साधे थे क्यों कि मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम ने उनसे इस बारे में बात करने से मना किया था.

मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने की थी इस्तीफे की मांग
दरअसल एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा था कि छगन भुजबल समाज में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे में उन्हें बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. इस पर बुजवल ने कहा कि वो जीवन भर ओबीसी के कल्याण और उनके अधिकारों के लिए काम करते रहेंगे. उनके इस्तीफे की मांग करने या उन्हें बाहर निकालने की कोई जरूरत नहीं है. जैसा कि कुछ विपक्षी और गठबंधन के नेता मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं.

सीएम शिंदे ने आरक्षण की मांगों को किया स्वीकार
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन चल रहा था. जिसका नेतृत्व मनोज जरांगे कर रहे थे. पिछले महीने 27 जनवरी को सीएम शिंदे ने आरक्षण की मांगों को स्वीकार कर लिया था, इसके साथ ही मराठाओं को OBC कोटे में शामिल करने का भी ऐलान कर दिया था. इसी बात को लेकर भुजबल ने नाराजगी जताई थी.

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