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कल से शुरू हो रहा फाल्गुन माह, इस महीनें रहेगी त्‍यौहारों की भरमार, यह रही पूरी लिस्‍ट

नई दिल्ली. फाल्गुन (falgun) हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना होता है. इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इसका नाम फाल्गुन पड़ा है. इसे आनंद और उल्लास(joy and glee) का महीना कहा जाता है. इस महीने विवाह और वैवाहिक जीवन के प्रयोग विशेष सफल होते हैं. बसंत का प्रभाव होने से इस महीने प्रेम और रिश्तों में बेहतरी आती जाती है. फाल्गुन में श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी की उपासना को उत्तम बताया गया है. इस बार फाल्गुन मास 17 फरवरी से 18 मार्च तक रहेगा.

फाल्गुन माह के व्रत-त्योहार
फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को मां लक्ष्मी और मां सीता(Lakshmi and Mother Sita) की पूजा का विधान है. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान शिव (Lord Shiva) की उपासना का महापर्व शिवरात्रि भी मनाई जाती है. फाल्गुन में ही चन्द्रमा का जन्म भी हुआ था. इसलिए इस महीने में चन्द्रमा की भी उपासना होती है. फाल्गुन में प्रेम और आध्यात्म का पर्व होली(Holi) भी आती है. इसी महीने में दक्षिण भारत में उत्तिर नामक मंदिरोत्सव भी मनाया जाता है.

विजया एकादशी- 26 फरवरी 2022



महाशिवरात्रि- 01 मार्च 2022
फाल्गुन अमावस्या- 02 मार्च 2022
फुलैरा दूज- 04 मार्च 2022
आमलकी एकादशी- 14 मार्च 2022
होलिका दहन- 17 मार्च 2022
होली- 18 मार्च 2022

फाल्गुन में किस देवता की उपासना करें?
फाल्गुन महीने में श्री कृष्ण की पूजा उपासना विशेष फलदायी होती है. इस महीने बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण तीनों ही स्वरूपों की उपासना की जाती है. संतान के लिए बाल कृष्ण की पूजा करें. प्रेम और आनंद के लिए युवा कृष्ण की उपासना करें
ज्ञान और वैराग्य के लिए गुरु कृष्ण की उपासना करें.

नियम और सावधानियां
इस महीने शीतल या सामान्य जल से स्नान करें. भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें. अधिक से अधिक फल खाएं. कपड़े ज्यादा रंगीन और सुन्दर धारण करें. सुगंध का प्रयोग करें. नियमित रूप से भगवान कृष्ण की उपासना करें. पूजा में फूलों का खूब प्रयोग करें. इस महीने में नशीली चीजों और मांस-मछली के सेवन से परहेज करें.

फाल्गुन के महाउपाय
फाल्गुन के महीने में भगवान कृष्ण की नियमित पूजा करनी चाहिए. उन्हें पूरे महीने अपने मनपसंद रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए. इससे तमाम तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. रोज सुबह स्नान के बाद भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है.

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव समान्‍य जानकारी के लिए हैं हम इसकी सत्‍यता व सटीकता की जांच का दावा नही करते हैं. कोई भी सवाल या परेंशानी हो तो विशेषज्ञ का परामर्श जरूर लें.

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