उज्जैन। नौतपा में गर्मी अपने चरम पर होती है और इन सात दिनों में हहर साल उच्चतम तापमान (Highest temperature) के नए रिकॉर्ड बनते हैं। इस बार नौतपा 25 मई से शुरू होगा। 25 मई के दिन सूर्य सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 8 जून की सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। इस दौरान 9 दिनों के लिए नवतपा रहेगा।
सूर्य 14 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र (Rohini nakshatra) में परिभ्रमण करते हैं। इन 14 दिनों में शुरुआत के 9 दिनों को नवतपा कहते हैं। इस बार नौतपा के शुरुआती छह दिनों में गर्मी के साथ उमस भी होगी, जबकि नौतपा के आखिरी तीन दिनों में तेज हवाएं चलने की उम्मीद है। कहीं-कहीं मध्यम बारिश और की संभावना है। इसका मतलब है कि नवतपा के आखिरी तीन दिनों में लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन शुरुआती 6 दिनों में हमें भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा। गीता में है नवतपा का वर्णन नौतपा का वर्णन श्रीमद्भागवत में भी किया गया है।
मान्यता है कि जब से ज्योतिष की रचना हुई तबसे ही नौतपा भी चला आ रहा है। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में होकर वृषभ राशि के 10 से 20 अंश तक रहते हैं तब नौतपा होता है। इस नक्षत्र में सूर्य करीब 14 दिनों तक रहते हैं। लेकिन शुरुआती 9 दिनों में काफी गर्मी होती है। इसी वजह है से इन दिनों को नौतपा कहते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार नौतपा के समय सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं। इसके चलते पृथ्वी पर तापमान बढ़ जाता है। नौतपा के दौरान अधिक गर्मी के चलते मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं और इससे अच्छी बारिश होती है। इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि जब नवतपा में अच्छी गर्मी नहीं पड़ती या नवतपा के दौरान बारिश हो जाती है तो उस साल अच्छी बारिश होने के आसार कम रहते हैं।
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